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कलिकाल सर्वज्ञ : हेमचन्द्राचार्य
वृद्ध पुरुष
आपको इतनी दूर जाने की क्या U जरूरत है? मेरे पास सभी विद्याएँ हैं। आप जैसे योग्य पात्र को विद्या देकर मेरा मन सन्तुष्ट होगा। बस, आप मुझे गिरनार तीर्थ पर ले चलो।
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ठीक है, हम । प्रातःकाल गिरनार
की तरफ ही प्रस्थान करेंगे।
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अगले दिन प्रातः उठे तो उन्हें एक विचित्र ही दृश्य दिखाई दिया। ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखर, हरे-भरे वृक्ष, शीतल पवन चल रही है। मुनि सोमचन्द्र ने कहा
महाराज, हम कहाँ आ गये? क्या कोई विद्या शक्ति हमें यहाँ ले आई? और वे वृद्ध पुरुष कहाँ चले गये?
मुझे लगता है हम गिरनार पर्वत पर
आ पहुंचे हैं।
लोसनीनानाचानक
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