Book Title: Gaudavaho
Author(s): Vakpatiraj, Narhari Govind Suru, P L Vaidya, A N Upadhye, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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Gaüqavaho
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इह ते मअकलकाअंब इह तोयलंघणुम्मुक्त इह तं संचारिअ इह दरखल्लइअ° इह दावाणलधूमा इह दिअसम्मि वि सिहरा' इह दिण्णभूमिमद्दा इह दीसइ कणअसिला इह दीसइ विमलाअंत इह दूमंति व फलपत्त इह दूरदिट्ठसिहरा इह धाउलिहिअदेव इह धाराविच्छोलि इह परिसक्किज्जइ कढिण° इह पल्लीधूमुब्भेअ इह पवणभिण्णताली इह पाअवलग्गट्ठि इह पंकलोलणाविल इह फलइ दुमवईसु इह फुरइ पंडुभावो इह भूइदंडसेसा वि इह भूरिभमिरसाहा इह मणिअडाण दीसइ इह मत्ताणेअविहंग इह मारुअतंसीक इह माहवीण कोमल इह मुक्कपल्ललुम्मुह इह मुणिवराण णिक प° इह मूलपविरलेसुं इह रणगोउलेसुं इह रविणो मअतण्हा इह रेहंति च्छाया' इह लवणुग्गमपरिहीण इह लोलेइ खणक्खण
517 इह वाउचुअथूली. 574 इह वायससेविअकीडइल्ल° 593 इह वाहेहि वराहाण 619 इह विअडमूलबंधा 590 इह विहडंततंतुचुडुप्प
इह विहडिअपिंडीबंध 548 इह वीसमइ व हिअयं 564 इह वेल्लंतदुमुज्झिअ° 624 इह सलिलकाससक्कारि' 685 इह सलिलकिलिण्णाअंब° 625 इह सा उम्मुद्दिअसिंदुवार 540 इह सा सकेसरोव्वत्त 652 इह सिद्धसुदरीणं 618 इअ सुइरेण पसम्मइ 645 इह सोत्तागमविहडिअ 633 इह सो तरुअलवसुआ 571 इह सोहंति दरुम्मिल्ल 576 इह हरजडाहिसंजमण 616 इह गअजूहणिदं 640
इह हि हलिद्दाहअदविड 560 इहहुत्तं णिवडता 611 इह होति मुहलसिहिणो 639 526 उअअच्छवि मुअंतो 572 उक्कत्तं पि हु खणमत्त
उक्करिसोच्चेअ ण जाण 643 उक्किण्णरअभरोण
उक्कंठबरहिचूडा 550 उक्कंदलाण घोलइ 577 उक्खअगिरिगहण 542 उक्खिप्पइ गअणतुला 582 उग्गंधमइलवसुहा
उच्छलिअसलिलपूरि 587 उज्झइ उआरभावं .
578 654 657 534 641 623 615 648 600 637
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