Book Title: Gaudavaho
Author(s): Vakpatiraj, Narhari Govind Suru, P L Vaidya, A N Upadhye, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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सुहसंगो सुहविणिवत्ति सूति वीरविक्ar
सेलग्गखणविहत्ता
सेणिअंबुप्पइआ सेल्लाण चावपेल्लिअ सेवंजलिमिलिअणडाल
सेविज्जंति सरअ
सेसगुणणिरहिलासा सोऊण मुणंति परं सो एस केसवो सोच्चेअ किं ण राओ
सो अइ कणि सो जअइ गोवभावे सो जअइ जस्स जुवइ सो अइ जस्स गाडाल
०
सो अइ जामइल्ला सो अइ झत्ति कवलिअ
सो अइ णेउरिल्लेण
सो अइ सणीसासेव्व
सो णत्थिचिचअ इह जो सोत्तकलुसा णईओ सो दीसइ उहदिसा सोम्मासु णिसम्म
सोवा
दुक्ख सो वि सतिबंधवो जाण
सो वि सुहाइँ उवणेउ सोहइ अदोसभावो सोहइ वलंत वासु सोहइ विणिवेसिअपसि
सोहइ विमुहपअत्तस्स सोहइ समागमेसुं सोइ सुहावेइ अ
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Appendix I
937 सोहंति अमरिसुग्गम 327 सोहंति बालसरअम्मि 1085 सोहंति सरस सूई
135 सोहति हारावलि
444 सोहसि णारायणि रणिर 103 सोहसि मुहमुक्कासरिस
ह
1050
774 हत्थालंबिअपंकअ 83 हत्थो घोलइ दंसण
1045 हरइ अणूवि परगुणो 948 हरइ परिहीणविहवस्स
O
2
हरफंससेअसंवलिअ
A. हरिचक्कविरिक्कट्ठिअ 19 हरिचलणणहप्पहाए 29 हरिसविसेसो विअसा
20
हसिअं च भामिअच्छं
36
43
हा किं णु अणवकच्चूर
हा हा कंपावेइ व
हाहा तंचेअ करिल्ल
हिअय कहिं पि णिसम्मसु
C.
223
360 हिअयम्मि गाढघडिएहि
749 हिअयविअडत्तणेणं
782 हिअयस्स णिट्ठरत्तण
986 हिअयस्स विणिव्ववणे 209 हेट्ठट्ठिअसूरणिवारणाएँ
31 हेट्ठाअववसुआइज्जमाण 968 होऊण विहंत णिरंतराइं 179 होंतरसाअलभय
109 होतवसुहाहिवकहा
414 होंति कअत्था पणई
होंति गिरिवलणभावा
244 68
होंतु व्व विगअगव्वा
O
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309
821
532
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