Book Title: Gaudavaho
Author(s): Vakpatiraj, Narhari Govind Suru, P L Vaidya, A N Upadhye, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 602
________________ Appendix 1 305 398 1013 885 143 487 226 1501 भमिअं रयविहुओअहि भयलोलपुलिंदवहू भयविहडिआण जाओ भरिअसवणठिअं भरिमो असिं तु संगर' भवभूइजलहिणिग्ग भारुव्वहणाजोग्गा भाविअभारहकलहं भासम्मि जलणमित्ते भीअपरित्ताणमई भीअं व लज्जिअं पिव भीसणसरूवपरि भुअआहिवस्स णिहसा भुअइंदफणामंडल भुमअग्गभमिरलच्छी भुमआभंगाणत्ता वि भुवणगरुएहिं ते भुरिगुणा विरलच्चि 1062 304 98 894 1172 228 471 726 819 मसिणुण्णअपेरंतं 352 महधूमलआ एअस्स 158 महिमं दोसाण गुणा 803 महिहरवडणुच्छलिआ 219 महुमहविअयपउत्ता 799 मायामाहप्पगुणेहिँ 1046 ___मारुअभरंतकंदर' 486 मारुअसंचरणवसा 800 मालावलएहि पइण्ण 220 मालरपत्तमाला माहप्पे गुणकज्जम्मि 170 मिहुणेहिं रइरसायाम 1022 मुक्कतुसारासारं 1047 मुक्का दिसासु दप्पि 250 मुक्के वि णरमइंदत्तणम्मि 923 मुच्चंति पेल्लिउव्वेल्ल मुत्तापेरंतत्तण 958 मुहलमऊराइं हरंति मुहलंदोलिअताडी 1077 मुहविणिमिअणव 33 मूढससिदिणअरा 586 मूढ सिढिलत्तणं ते 999 मूढे जणम्मि अमुणि 260 मूलफणामंडलतह 811 मूले णिबिडाअंता 451 मेहाअंतं तुह तइअ 735 मोत्तूण बाहुसिहरं 628 मोत्तुं गुणावलेवो 182 मोहपडिबोहकारि 278 मोहरसिआई इह 468 910 मोहसलाहाहिं तहा 277 मोहाहिभवेण सिरि 428 मंगललासकिलम्मत 10 110 1058 553 635 466 1111 942 871 822 992 323 मइलिज्जइ दिअसाहिव' मउडुच्छंगपरिग्गह मउलणिबिडासु इह मग्ग व्व दीहधवला मग्गेसु गुरुबला मज्जइ सिहरारूढा मज्झसमोसरिअम्मि मणिवलयाउलबाहग्ग मणिवित्थारपरिट्ठि मणिसबलकुसुममाला मत्तकुररासु दिट्ठी मरणभएण व चिंता मरणमहिणंदमाणाण मलिआ पूअप्फलकोस मलिआ पंसुलिअकरेण G. 20 489 883 91. 520 858 987 194 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638