Book Title: Gaudavaho
Author(s): Vakpatiraj, Narhari Govind Suru, P L Vaidya, A N Upadhye, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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306
Gaüdavabo
974
लोए अमुणिअसार' 418 लोएहिं अगहिअंचि 569 लंबिमहादप्पण
862
1129
18
991
693 890 1041 722 877
रमणकविलासु सोहइ रमपुंजरुद्धगअणा रक्खउ वो रोमला रक्खाभुअंगमुग्गिण्ण रमइ अ चरिए अप्फुल्ल° रमइ विहवी विसेसे रबरोसदलिअघण रहसच्छेआअरक रहसा रसाअलोअर रहसुद्धतिअसकरि रुग्णारुणणयणाओ व रूवंचिअ णवर कराल? रेहावसेसदिणअर' रोसधुअचलणतेलोक्क रोसारूढो परिपाडलेसु रंखोलिरपवणभिण्ण
147
168
1021
337
1143 562 963
839
431
178
वअणणयणप्पहा 998
वअणविमुक्कं पि खलो
वअणुव्वहणणिवेसि 12 वच्चंति अहो उड्ढं 424 वच्चंति वेसभावं
वणदेवआपसारिअ 200 वलइअभुअंगवलया 1177
वलिउद्धकवोलघडत
वल्लीविआणबहल 1101
ववहारेच्चिअ छायं 829 वसुहासयणपहुप्पंत
वहइ मणिकिरणरंजिअ 634 ___ वहइ महिंदो साणंद
वामकरपेल्लिओणमि 481 वामकराअड्ढिअसुण्ण 116 वामेअरभुअभवणा 1128 वारिच्छेअदरावीअ'
70 वासुइणिहसुम्मूलिअ 931 विअडससिमंडलाअंत 1137 विअडंडम्मिव रवि 1139 विअरइ सद्दलरेहा 1092 विअलंतविज्जुवलया
729 विअलंति कअरणक्कार' 1014 विक्खिरिअचिहुरमंजरि' 838 विज्झवइ वेल्लणोण 280 विज्झम्मि तम्मि रस 1167 विणयगुणो दंडाडंबरो 1054 विणयाढत्तणराहिव 1048 विण्णाणालोओच्चिअ 756 विणिअत्तहारवलयग्ग
1008 199 775 111 716 399 1033
6
लक्खिज्जइ आहार लक्खिज्जइ धूमाअंत लक्खिज्जइ सीसे सरस लग्गिहिइ ण वा सुअणे लच्छी लआएँ मूलं लज्जोणअवअणा ललणा वल्लहहुत्तं लहइ ससंदणतुरओ लहिऊण तुमाहितो लहुईकआ वि गुण° लहुविसयभावपडिसिद्ध ल्हसमाणजुओवत्ति ल्हसिअट्ठिअम लायण्णपरिप्फुरमाण लीलाघोलाविअचलण लीलोणअमुहअंदाण
1099 388
808 703 165 119 284
67 1191 905 203
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