Book Title: Gaudavaho
Author(s): Vakpatiraj, Narhari Govind Suru, P L Vaidya, A N Upadhye, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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पहुकित्तिणिसमणूसुअ पहुदंसणरसपसरिअ पहुधम्मबंधणे संठिअस्स पालभरिअमूला पांआलोअरमग्गम्मि
पाऊण व उवहारा 'पालिअभूरओ हि
पाणमइआओ जाणं
पावइ उअयाअंबो
पार्वति कुलालउलाइँ
पावंति वलिअवित्थअ
पासम्म अहंकारी
पासम्म आवा
पासल्लिआण जे पडि
पासोसरंततलमग्ग
पिअपरिरंभुम्मूलिअ पियहुतं जाणविलास
पीडिअप ओह रोगाढ
पीणत्तणदरपरिणाम
पीलिअतमालपल्लव
पुरओ पुरओ तुम्हा पुरओ सिरी पिय
पुरुमिल्लदिसागअ
पुरुहू आइपढमो
पुहवीवो अहे आहिसेअविअलिअ
पूइज्जसि भिण्णभुआ
पेच्छह विवरीअमिमं
पेच्छति जाओ चलणे
पेच्छंति सुरदइन्चा पेरंतलूणकमला पेरं हरिअकोमल ती उत्तंग
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Gaüdavaho
1187 परंतेसु दराबद्ध 1055 पंकभरिओअरुब्भिण्ण
1015 पंडुतएण करअल
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फलणिग्गमपडिपेल्लिअ
फलबंधविरलहरिआ
फललंभमुइअडिभा
503 फलिहच्छोअरदीसंत
1027 फुट्टंति पाअवाणं 79 फुडिअघणवडलपाडल
106
फलसारणलिणिगहणा फलिक्खावलिकज्जम्मि
330
864
760
1019
523
फुरइ अ फुडो अभावस्स
व
बंदीकअमहिसासुर
बरहीण ताण रसिअं बलसंखोहुक्खअरेणु बहलत्तणकुहरूसfer
बहुओ सामण्ण
बहुकुहराविलकडअ
बहुलपओसा बद्ध
बहुसो घडंतविडंत बहुसो बहुतविसहर
बहुसो भग्गअरमण
बाढं लीढूसघणत्तणेण
बालत्तणम्मि हरिणो
बालासु तासु णव
बाहि गआण जस्स
बाहुसिहरेसु दीसइ
बिलवलयमुहुव्वेल्लं त
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792 भमरावलिओ भइरवि 457 भमिअं पलयपओसे
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