Book Title: Gaudavaho
Author(s): Vakpatiraj, Narhari Govind Suru, P L Vaidya, A N Upadhye, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 595
________________ 298 Gaüdavaho 675 172 घेप्पइ अगुणीहिं गुणि व्व घोलइ अलद्धकिरणी घोलइ उल्लितसुरा घोलइ पडिलग्गपियंगु घोलइ महुरसविच्छुरि घोलइ समुच्छलंती घोलिरकडारतारं D. 989 419 चक्क्रजुएण व वम्म चलणणहच्छवि चलणणिसण्णुण्णामि चलणंतणिवडिअं° चलिअम्मि जम्मि विअणा चलिअम्मि रहसविअलिअ° चलिओ कुंभीफलदंतुरासु चावपणोल्लणणिवडिअ चिण्होवलक्खिआ विहुआ चित्तमणिकण्णऊरा चित्तालक्खिअमउलु चिरसंठिओ वि विअलइ चिहरावीलणपडिलग्ग 588 407 394 177 809 1183 139 255 108 509 1201 जणमणहिगीअगुण 272 जणविणिहट्ठाअस । 584 जममहिसो कवलिज्जइ 834 जमिअसिहंडस्स वि जम्मि अविसण्णहिअ° जयगअकुंभप्फालण जरढाअंतफलूसास जलआगमम्मि मज्जइ 759 जलआणिलरंखोलिअ° 420 जलणसिहासंभाविअ° 622 जलभवणसमालंबिअ° 812 जलहिस्स पूणो वि समा 101 जलिउप्पइअवलंता । 1190 जवपचमाणस्स सरीर ___421 जस्स अ वलंतजयगअ° 452 जस्स कडअद्विआओं 686 जस्स पहारधुआणण 768 जस्स महधूमलेहा । 789 जस्स मुहमारुआहअ° 1146 जस्स विअयाहिसेए 161 जह जह णग्घति गुणा जहतहपुंसिअंसु 392 जह परिअयम्मि लोओ 644 जाआई दुलहदइआ 912 जाआओ कमपसम्मत 498 जाआओ सलिलधारा 849 जाआ ताओच्चिअ तह जाआ दाहविणिग्ग जाआ रविअरपरि जाआ वण्णासाआ 17 जाए णिराअवे दिण' 0. जाओच्चिअ काअव्वे 317 जाओ पसंगपरि 695 815 1044 1208 902 841 957 छाया एक्कासारे वि छायाणिव्वाविअसद्दलाण छाया सा इर मण्णे छिण्णधराअलपडिबंध छीराअंतणहच्छवि 1133 1110 404 663 131 Z 810 जअइ जअरक्खणे जअइ जडासंजमणं जअइ धरमुद्धरंतो जडबुद्धीण पहुप्पइ जणदिण्णकेसकलणा 1093. 1121 755 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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