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परीक्षा
पंच जब हीण वारह वन्नी कणओ य टंक इगवाला । छत्तीस प्रमल रुपं तंबं चउतीस टंकेवं ( * ) ॥६३॥
इविक पउमस्स मज्झे रुप कणय तंव मासओकिक्को । सत्त दह पंच जब कमि न च गनर विमुवहिया ।।६४।।
इय एगि पउम तुल्लो मुणिज्जव विसुवंस सोल टंकु इगो । जाणेह तस्स मुल्लो जइथल उणसट्टि यह सठ्ठी ( १ ) ||६५||
भगवा तिघाउ संभव पउमा समतुल्ल विविह मुल्ला य । भगवंदसणियं नामे कारिय जियसत्त रायस्स ( ) ||६६ ॥
(४) • पदमा १०० मध्ये धातु ३ टंक १११
४१ सोना बानी ११ जव ११ चोपा
टं ३६ रूपा चोखा नवाती विश्वा २० टं ३४ तांबा चोखा अमल प्रधान
(५) ० पदमा १ संतोल्ये टं १ जव ७० ।।।१ मासा १ ज ७ So||| रूपा चोखा || मासा १ ज १० मासा १ ज ५ ।। ० ४ ताँबा निर्मल
१४ ।।। १ कनक चोखा ||
(६) भगवा नानाविध मौल्य मुद्रा ११ तोये मासा ४ जब ७
भगवंत नामे जितशत्रु नृप कारितं ॥
६३. इसमें इकतालीस टंक पाँच जब कम बारहबान (११ वान ११ जन) चीपा जाति का सोना, छत्तीस टंक शुद्ध बीस विसवा चाँदी और चौंतीस टंक निर्मल तांबा है । (फुल ४१+३६+३४ = १११ टंक हुए)
६४.
एक पद्मा मुद्रा में चांदी, सोना और तांबा तीनों धातु एक एक मासा और उस पर क्रमश: सात, दस, पांच जो एवं शून्य, चार, पन्द्रह विसवा अधिक पातु है। इस हिसाब से चाँदी एक मासा ७ जव ० विसवा; सोना एक मासा, दस जव, चार विसवा और ताँबा एक मासा पाँच जय सोलह बिसवा होता है।
६५. एक पद्मा मुद्रा तोल में एक टाँक सात जो सोलह विसवा है जिसका मूल्य जयथल मुद्रा उनसठ या साठ जानना चाहिए ।
६६. सोना, चांदी और तोबा तीनों धातु की बनी हुई ११ (कोटकानुसार ) भगवा मुद्रा पद्मा के समान तौल और विविध मूल्य की है। ये भगवान की दर्शनीय नामक मुद्रा जिवाणु राजा ने बनवाई थी।
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