Book Title: Dravya Pariksha Aur Dhatutpatti
Author(s): Thakkar Feru, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Prakrit Jain Shastra Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 52
________________ ३२ द्रव्यपरीक्षा अवदुल्ली तह कुतुली तुल्लि सवापण दुमासिया मुल्ले । सट्टि असी तह रूप्पं दुदु जब चउ सोल विवकम्मे (४) ॥७८॥ ॥ इति अठनारीमुद्राः ॥ विक्कम नदि भणिमो गोजिग्गा अउणतोस तोल रुवा । दउराहा पणवीसं सवा हमे अठ चढ मुल्ले ।।७९।। भीमाहा छव्वीस तोला मासद्घ चारि टॅकिक्के । चोरो मोरी तोला पणवीसं मुल्लि चारि सवा ||८०|| करड तह कुम्मरूवो कालाकच्चरि य छक्क करि मुल्ले । राय मन्झि अट्टमासा सतरह तोला य सलु रुप्यं (१) ॥८१॥ " ॥ इति विक्रमार्कमुद्राः ॥ (१४) (१५) ० अबदुल्ली • कुतुली ० गोजिगा ० दउराहा ० भीमाहा • चोरीमोरी १ मासा ५। १ मासा २ मध्ये रूपा जव २५४ प्र. ६० मध्ये रूपा जव १॥ ॥ प्र. ८० १०० मध्ये रूपा तोला २९ मासा ९ प्रति ३॥ १०० मध्ये रूपा तोला २५ मासा ३ प्रति ४ १०० मध्ये रूपा तोला २६ मासा ० ॥ प्रति ४ १०० मध्ये रूपा तोला २५ मासा • प्रति ४| १०० मध्ये रूपा तोला १७ मासा ८ प्रति ६ कूर्मरूपी १०० मध्ये रूपा तोला १७ मासा ८ प्रति ६ ० कालाकचारि १०० मध्ये रूपा तोला १७ मासा ८ प्रति ६ • करड ० ७८. अब्दुली और कुतुली सवा पाँच और दो मासा तौल में इनका मूल्य साठ बर अस्सी एक टंके में आती है। इनमें दो जो पार विसवा तथा दो जो सोलह विवा क्रमशः बी है । अठनारी मुद्रा समाप्त हुई ७९. महाराजा विक्रमादित्य की मुद्राओं का वर्णन करता हूँ - (एक सौ ) गोजिगा में उनतीस ढोला नी माया चांदी और एक टंके की साढ़े तीन के भाव तथा दउराहा एक सौ में पचीस तोला तीन मासा चाँदी व टंक के चार के भाव है । ८०. भीमाहा एक सौ में छम्बीस तोला आधामासा एवं एक टंके की चार के भाव हे पोरीमोरी में पचीस तोला चाँदी और टके की सवा चार के भाव है। ८१. करड, कूर्मरूपी और कालाकचारे तीनों मुद्राएँ टंके की छः के भाव है एवं एक सौ में सतरह दोला आठमासा चाँदी निश्चित रूप से है। विक्रमादित्य की मुद्राएं समाप्त हुई। Aho! Shrutgyanam

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