Book Title: Dravya Pariksha Aur Dhatutpatti
Author(s): Thakkar Feru, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Prakrit Jain Shastra Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 51
________________ द्रव्यपरीक्षा भइ य एग टिप्पी सिकंदरी कुरुलुकी पलाहउरी । सम्मोसीय लगामी पेरि जमाली मसूदीया ||७५॥ सय मुद्द मज्झि रुप्यउ ति चउ ति दु इगेग दु दु इग दु तोला । सुन ति३ सुन० ६ २ सवापण ५ ६२ सढनव९ ॥ पउण दुइमासा ॥७६॥ चउतीसं तेवीसं चउतीसिंगयाल प्रसी सट्ठि कमे । इगयाल सत्तयालं पणपन्नऽडयाल टंकिक्के (१) ॥७७॥ ॥ इति खुरसाणीमुद्राः । विवरणं यंत्रेणाह- (१३) ३४ भइ मुद्रा २३ इनटीपी ३४ सिकन्दरी ४१ कुरुलुकी ८० पलाहौरी ६० समोसी ४१ लगामी ४७ पेरी ५५ जमाली ४८ मसूदी करारी १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा २०० मध्ये रूपा १०० मध्ये रूपा तो. ३ मा ० तो. ४ मा ३ ३ मा. ० २ मा. ६ १ मा. २ १ मा. ५० २ मा. ६ २ मा. २ १ मा. ९ ।। २ मा. १।। ७५. भंभइ, एक टिप्पी, सिकंदरी, कुरुलुकी, पलाहोरी, समोसी, लगामी, पेरी, जमाली और मसूदी । ७६. सौ मुद्राओं में चांदी तीन, चार, तीन, दो, एक, एक, दो, दो एक, दो तोला एवं शून्य तीन, शून्य, छह, दो, सवा पाँच, छह, दो, साढ़े, नो, पौने दो मासा क्रमश: है । अर्थात् सो मंभई मुद्रा में तीन सोना, इगटिप्पी में चार तोला तीन मासा, सिकंदरी में तीन तोला, कुरुलुकी में दो तोला छः मासा, पलहोरी में एक तोला दो मासा, समोसी में एक तोला सवा पांच मासा, लगामी में दो तोला छः मासा, पेरो में दो तोता दो मासा. जमाली में एक होला साढ़े नौ मासा और मसूदी में दो तोला पौने दो मासा चाँदी है। अस्सी, साठ, इकतालीस, सैंतालीस, अर्थात् भंभई, एक टंके की पोतीस, पलाहोरी अस्सी समोसी साठ, लगामी Aho! Shrutgyanam ७७. चौंतीस, तेईस, चौंतीस इकतालीस, पचपन और अड़तालीस मुद्राएँ एक टंक की आती है। इगटिप्पी तेईस, सिकंदरी चौंतीस कुरुलकी इकतालीस, इकतालीस पेरी सैतालीस, जमाली पचपन, मसूदी अड़तालीस आती है। 1 खुरासानी मुद्राएँ समाप्त हुई, यंत्र से विवरण जानो ।

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