Book Title: Dravya Pariksha Aur Dhatutpatti
Author(s): Thakkar Feru, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Prakrit Jain Shastra Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 60
________________ अव्यपरीक्षा सूजा सहावदीणी तहेव महमूद साहि चउकडिया । टंक चउद्दस रुप्पउ सय मज्झे मुल्ल इगवीसं ।।११२।। कडगा सरवा मखिया सवा छ तोला य रुप्पु सोल करे । कुंडलिया पण तोला छ मास अट्ठार इगि टंके ।।११३।। छुरिया जगडपलाहा चउताल दु मास रुप्यु पणवीसं । दकडीटेगा अहिया इगि मासइ रुप्पि तेवीसं ॥११४।। कुव्वाइची जजरी तह य फरीदीय परसिया मज्झे। दस मासा तिय तोला मुल्ले टंक्किक्कि छन्वीसा ॥११॥ चउक कुवाचीय वफा सवा ति तोला य मुल्लि इगतीसा। सतिहाय तिन्नि तोला खकारिया तीस करि जाण ।।११६॥ ११०. सीसड़िया मुद्रा तिलोकचंदाहे का भाव टंके की तीन सौ का है तथा सांतिउरी साहे मुद्रा का भाव चार सौ का मूल्य एक टंका है। जालंधरी मुद्रा समाप्त हुई। अब दिल्ली की मुद्राएं इस प्रकार है : १११. अणगपलाहे, मदनपलाहे', पियउपलाहे और चाहड़पलाहे नामक चार मुद्राएं हैं। इन चारों प्रकार की मुद्राओं में प्रतिशत सोलह टांक अर्थात् पाँच तोला चार मासा चांदी है एवं उनका मूल्य प्रति टंके पचीस के भाव है। ये मुद्राएं तोमर राजपूतों की हुई । ११२. सूजा, सहाबुद्दीनी, महमूदसाही और चउकड़ीया मुद्रा में प्रतिशत चौदह टांक अर्थात् चार तोला आठमासा चाँदी है और उनका मूल्य प्रति एक टंके की इक्कीस के भाव है। ११३. कटका, सरवा, मखिया मुद्रा में छ: तोला तीन मासा चांदी है और सोलह के भाव है। एवं कुंडलिया मुद्रा में पांच तोला छ: मासा चाँदी है और टंके की अठारह के भाव है। ११४. छुरिया, जगडपलाहा मुद्रा में चार तोला दो मासा प्रतिशत चांदी है और वह टेके को पचीस के भाव है। दुकड़िया ठेंगा में एक मासा अधिक अर्थात् चार तोला तीन मासा चांदी है एवं तेईस मुद्रा प्रति टंका का भाव है। ११५. कुचाईची, जजीरी, फरोदो और परसिया मुद्रा में प्रतिशत तीन तोला बक्ष मासा चांदी है एवं टंका की छब्बीस के भाव है। ११६. चउक, कुवाचिय, वफा मुद्रा में सवा तीन तोला चाँदी है एवं वह इकत्तीस के भाव है। खकारिया में तीन तोला चार मासा प्रतिशत चांदी है और वह प्रति रुपये की तीस के भाव है। १. दिल्लीश्वर मदनपाल तोमर को सं० १२२३ में मणिधारी श्रीजिनचंद्रसूरिजी ने प्रतिबोध दिया था। विशेष जानने के लिए "युगप्रधानाचार्य मुविसी" और "मणिधारी श्रीजिनचंद्रसूरि" देखना चाहिए। Aho! Shrutgyanam

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