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दव्यपरीक्षा
इग पण दह पन्नासं सय तोला तुल्लि हेम टंकाई। चउ मासा दीनारो रुप्पय टंको य तोलीणो ॥१३७।। चउ मास जाव घडियं सहावदीणस्स तुच्छ मुद्दाई। दम्म छगाणी टंका रुप्प सुवनस्स तोलीणा ॥१३८।। ॥ इति अश्वपति महानरेन्द्र पातिसाहि अलावदी मुद्राः(२६.२७) ।। इत्तो भणामि संपइ कुतुबुद्दी रायबंदिछोडस्स । .
चउरंस वट्ट मुद्दा नाणविह तुल्ल मुल्लो य ॥१३६।। (२६) ० रुप्य टंका १ अलाई प्रति गण्यते ॥
१० छगानी सतमध्ये तो०८ मा०६ ज.४॥ १० छगानी सतमध्ये तो०८ मा०३ ज०२।४ ३० दुगानी सतमध्ये तो० ३ मा०३ ज. ३० दुगानी सतमध्ये तो०२ मा०८ ६० इगानी सतमध्ये तो०१ मा०८ ज.
• शेष तांबा सत १ टंक पूरणे सर्व मुद्र (२७) हेम टंका नाना तौल्ये
• इकतोलिया १ • पंचतोलिया १ • दसतोलिया १
पंचासतोलिया १ सयतोलिया टंका हेम दोनारु मासा ४ रुप्य टंका सर्वेपि इकतोलिया
१३७. हेम टंका इगतोलिया', पंचतोलिया, दसतोलिया, पचासतोलिया और सौतोलिया होता है। दोनार चार मासा सोने का और चांदी का टंका (रुपया) एक तोले का होता है।
१३८. सहाबुद्दीन की लघु मुद्राएं चार मासे तक की बनी हुई हैं। द्रम्म, छगानी और टंका सभी चांदी सोने की मुद्रा एक-एक तोला की है।
अश्वपति महानरेन्द्र अलाउद्दीन बादशाह की मुद्राएं शेष हुई। १३९. अब मैं वर्तमान 'राजबंदिछोड़' विरुद वाले कुतुबुद्दीन की नाना प्रकार की चतुरस्र और गोल मुद्राओं का तौल और मोल कहता हूँ।
१. इगतोलिया हेम टंका अलाई मुहर १६९-१७० ग्राम को होती है। २. दीनार चार मासा की, कुतुबुद्दीन मुबारक की (१३१६-१३२०), जो छप्पन
ग्राम सोने को होती है।
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