Book Title: Dravya Pariksha Aur Dhatutpatti
Author(s): Thakkar Feru, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Prakrit Jain Shastra Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 59
________________ व्यपरीक्षा जालंधरी वढोहिय जइतचंदाहे यं रूपचंदाहे । रुप्प चउ तिन्नि मासा दिवढ सयं दु सय टंकिक्के ॥१०९॥ तिन सय इक्कि टंके सोसडिया हुइ तिलोय चंदाहे । संतिउरीसाहे पुर्ण चारिसया इक्कि टंकेणं ॥। ११० ।। ॥ इति जालंधरी मुद्रा : ( २३ ) ॥ अय डिल्लिकासत्कमुद्रा यथा- अग मणप्पला हे पिथउपलाहे य चाहड़पलाहे । सय मज्भि टंक सोलह रुप्पउ उणवीस करि मुल्लो ॥ १११ ॥ ॥ एता मुद्रा राजपुत्र तोमरस्य (२४) ।। रूपा तो० ० (२३) प्र० १५० जइतचंदाहे प्र० २०० रूपचंदा हे प्र० ३०० त्रिलोकचंदाहे प्र० ४०० सांतिउरीसाहे (२४) प्रति नामानि मुद्राना १९ अणगपलाहे १९ १९ १९ मदनला पिथउपला हे चाहा हे १०० मध्ये १०० मध्ये १०० मध्ये ॥ मध्ये 27 सत १ मध्ये रूप्य तोला मासा सत १ ५ सत १ ५ सत १ सत १ 11 31 11 " " 21 11 मा० ४ ३ Aho! Shrutgyanam 电 १०६. अकुड़ा मुद्रा में प्रतिशत दो तोला छः मासा चांदी एवं यह टंके की चालीस के भाव है । जइत मुद्रा में प्रतिशत आठ मासा नो जव चाँदी है और यह एक टंके में डेढ सौ के भाव है। १०७. वीर नामको मुद्रा में प्रतिशत सातमासा तेरह जो चांदी एवं यह प्रति टंका एक सौ साठ आती है । लक्ष्मणी मुद्रा में प्रतिशत छः मासा चार जो चाँदी है और एक सो अस्सी के भाव है । १०८. राम नामक मुद्रा में प्रतिशत चार मासा दो जो चांदी और दो सौ के भाव है। बावरा' नामक सौ मुद्रा में मसीणा नामक सौ मुद्रा में तथा खसर नामक सो मुद्रा में पाँच मासा आठ जो चांदी तीनों में बराबर है तथा प्रति टंका एक सौ नम्बे के भाव है। चन्देरिकापुर सम्बन्धी मुद्रा समाप्त हुई । १०९. जालंधरी वडोहिय मुद्राएं 'जइतचंदा हे' और 'रूपचंदा हे' हैं । जइतचंदाहे मुद्रा में प्रतिशत चार माया चाँदी है और एक सौ पचास के भाव है। रूपचंदाहे मुद्रा में प्रतिशत तीन मासा चांदी है और टंके की दो सौ के भाव है । १ बन्यावरा. मसीणा और खसर मुद्राओं की प्रतियात चाँदी का प्रमाण मूलयाचा में न होकर कोष्टक में है ।

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