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परीक्षा
३ गुज्जरवइक्ष रायाणं बहुविह मुद्दाइ विविह नामाई। ताणं चिय भणिमोहं तुल्लं मुल्लं निसामेह ॥२॥ कुमर अजय भीमपूरी लूणवसा रुप्पु टंक पणवन्ना । पंच नव विसुव मुल्लो तुल्लो चउमास तेर जवा ॥८३।। वीसलपुरीय छह करि कुण्डे गुग्गुलिय टंक पन्नासं। डुल्लहर पनर तोला अहट्ट मासा छ सड्ड करे ॥४॥ अज्जुणपुरीय तोला वारह सड्डाय मुल्लि अट्ट करे। कट्टारिया चउद्दस तोला मासा ति सत्तेव (") 1॥८॥ (१६) ५।४ कुमरपुरी १०० मध्ये तोला १८ मा०४
५।४ अजयपुरी १०० मध्ये तोला १८ मा.४ ५।४ भीमपुरी १०० मध्ये तोला १८ मा०४ ५।४ लावणसापुरी १०० मध्ये तोला १८ मा० ४ ८ अर्जुनपुरी १०० मध्ये तोला १२ मा० ६ ६ वीसलपुरी १०० मध्ये तोला १६ मा०८
१ कुंडे १ गूगले ६॥ डोलहर १०० मध्ये तोला १५ मा० ३॥ ७ कटारिया १०० मध्ये तोला १४ मा० ३
८२. गूर्जरपति राजाओं की विविध नामों की बहुत प्रकार की मुद्राएं हैं, उनका तोल मोल मैं कहता हूँ, सुनो !
८३. कुमरपुरी, अजयपुरी, भीमपुरी' और लावणवसापुरी एक सौ मुद्राओं में चांदी पचावन टंक अर्थात् अठारह तोला चार मासा है। यह पांच और नौ विश्वा के भाव है और तौल में प्रत्येक चार मासे की होती है।
८४. वीसलपुरी कुंडे और गूगले मुद्रा छ: के भाव एवं सो मुद्राओं में पचास टांक अर्थात् सोलह तोला आठ मासा चाँदी तथा डोलहर मुद्रा एक सौ में पन्द्रह तोला साढे तीन भासा चाँदो व साढे छः के भाव है।
८५. अर्जुनपुरी मुद्रा सो में साढे बारह तोला चाँदी और आठ के भाव है एवं कटारिया में प्रतिशत चौदह तोला तीन मासा चाँदी व सात के भाव है। ___* गूर्जरेश्वर कुमारपाल, अजयपाल, भीमदेव, लवणप्रसाद वीसलदेव, अर्जुनदेव आदि
राजाओं की मुद्राओं का यहां वर्णन है। १. भीमपुरो मुद्रा का उल्लेख पुरातनप्रबन्ध १० ३३ में वसाह आभड़ प्रबन्ध में आया है। ये द्रम या द्राम के प्रकारों में से ही थी १० ३४ के महं आंवा के प्रबन्ध में गिरनार की पद्याओं के निर्माण में ६३ लाख भीमपुरी द्रम व्यय करने का उल्लेख है। पु०६५ में वस्तुपाल तेजपाल प्रबन्ध में तीन सौ बत्तीस करोड़ चौरासी लाख सात हजार चार सौ चौदह लोहड़िया अथवा इकाागला भीमपुरा द्रम विविध पुण्य कायों में व्यय करने का उल्लेख है।
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