Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ मनुक्रमणिका .. परमदेव २४ पराशर २६, ३२, ४१, ५८ पराशरमाधवीय ४७ पराशरस्मृति ५४, ६२ परिणय २६८ परिणयन २६८ परिवेदन ३१० परिषद ५०२ पर्वत-दान ४६८ पल्लव २० पशुदान ४६८ पशुबन्ध ५४१ पलव १३३ पाणिग्रहण २६८ पाणिनि १२, १६, २० पाण्डुसोपाक १३३ पारद १३३ पारशव ३६, १३३ पारस्कर-गृह्यसूत्र ५३ पाराशर ३२ पारिजात ७६ पार्वण-स्थालीपाक ४४० पिगल १३२ पिण्डपित यज्ञ ५३४ पितामह ६१ पितृयज्ञ ४०७ पिशुन २०, ५६ पिशुनपुन ३२ पी० बनर्जी (डा०) २ पुसवन १७८, १८७ पुण्ड १३३, १३४ पुण्याहवाचन १८६ पुन: उपनयन २५८ पुनराधेय ५१७ पुराण १२, ४८ पुरुषसूक्त ११६ पुलस्त्यस्मृति ६१ पुलिन्द १३३ पुल्कस १३३ पुष्कर १३४ . पुष्करसादि १६ पुष्पध १३४ पुन काम्येष्टि ५४० पूर्वमीमांसासूत्र ४ पैठीनसि ३८ पौण्डक १३३, ३४ पौल्कस १३४ पौष्टिक १४१ प्रकाश ७५ प्रचेता ६१ प्रजापति २७, ६२ प्रतापरुद्रदेव ६० प्रतिपदपंचिका ३४ प्रतिष्ठा ४७२, ४७३ प्रतिमानिर्माण ३६३ प्रतिश्रुत दान ४७० प्रदीप ८० प्रपा ७ प्रपादान ४६८ प्रमिताक्षरा ७२ प्रवर्दी ५४८ प्राचेतस २७ प्रातरनुवाक ५५१ प्राचेतस मनु ४३ प्लव १४१ फुहरर (डॉ.) २१ बन्दी १३४ बन्धुल १४१ बर्नल (डॉ०) १४ बर्वर १३४ बहिरास्तरण ५३२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102