Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

View full book text
Previous | Next

Page 23
________________ १८ • धर्मशास्त्र का इतिहास • ऋत ७०४-५-७३ कापटिक ६३६ ऋष्टि ६८६ काम ६६८, ८६५ कामजनित ६६८ एकमूल ७१६ कामन्दक ५८२-८७-६७, ६००-७६, ७०० एकराट् ६०५ कामवत ७८२ एकोद्दिष्ट ६२३-२५ कामशास्त्र ५८० एडगर्टन (प्रो०) ५८० कामसूत्र ५८०-८२ एपिप्रैफिया इण्डिका ६७३, ७२३, ८१० कायस्थ ६४४, ७२२-२३ कायिका ७७५ ऐतरेय ब्राह्मण ५८६-६५, ६०५-८, ८४७-४८, ७७ कारिका ७७५ ऐन्द्री शान्ति ६११ कार्यचिन्तक ८०५ ओ कार्षापण ६३३ ओप्पर्ट (डॉ.) ६८५ काल ८८७ - औ कालिका ७७५ औदक ६६३ कालिकापुराण ५६६ औद्वाहिक ८५४-५६ कालिदास ७०४ औरस पुत्र ८६-१८०-८५-८७-८८-६१ काव्य ५७६ औशनस ५७६ किञ्जल्क ५७६ कुटुम्ब ८५८ कणिक ५७६ कुण्ड ९८२,६३ कण्टकशोधन ७०६-११-१२' कुमायूं लोकल कस्टम्स ८६४ कन्या ६१२ कमारिल ५६५, ६५४ कन्यागत ८५६ कुम्भ ६४६ कपाल ६६४ कुल ७२३ कमण्डलुधारण १६६ कुलाल ६५० कर ६७१-७२ कुलिक ६४४ कर-ग्रहण ६६७-६८ कुल्लूक ५६४, ६६३, ७७६, ६१२ करण ७२८ कुसीद ७७४ करार ८०५ कपाध्यक्ष ६४६ कर्मकार ८०१ कृत ९७८,६८२ कर्शनीय ६६० कृत-पक्ष ७३८,३६ कलि १७२-८२ कृपाण ६८५ कलिवयं ८६१,६७०-८१-६६, १०००-६, कृषि ६५३ कल्कि ६६२ केशोपनत ६६४ कल्प ९८२ कोश ७४६,५० कात्यायन ५७६ कोश का दिव्य ७५३ कानीन ८८३-८४-६० कोश-पान ७५३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102