Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 25
________________ २० • धर्मशास्त्र का इतिहास चक्रवृद्धि ७७५ चतुर्व्यापी ७१५ चतुहित ७१५ चतुष्कारी ७१५ चतुष्पथ ८१६ चतुष्पाद ७१३-१४ चतुस्साधन ७१५ चतुःस्थान ७१५ चन्द्र गुप्त ५६६, ६७६ चमू ६८० चम्पा ६१२ चर ६३६ चरित्र ७१३ चरित्र-बन्धक ७८० चाणक्य ५८० चाण्डाल ८६२ चान्द्रायण व्रत ८६७ चार ६३६ चार्वाक ६७३ चिरक ७२६ चिरकहीन ७२६ चित्र दण्ड ७६७ चोदना प्रतिकालम् ७४४ चोर ८२५ चौरोद्धरणिक ७६० चौर्य ८२७ जल का दिव्य ७५२ जलदुर्ग ६६३ जलाशय ७४४ जातकर्म ८६ जानपद ६१७ जानपद-लेख ७२६ जायसवाल (डॉ०) ५६०,६१७-३५ जाली (डॉ०) ८४८ ६०० जीमूतवाहन ७०५,८४६,६१३-४१ जीवन्मक्तिविवेक ९७६ जीवनवृत्ति ६४७ जुआ ६६८ जुरिस प्रूडेंस ७०० जेरेमी टेलर ७०० जे० एन० फिग्गिस ५६३ जैबलि ६१७ जैमिनि ५६५. ७२० ज्येष्ठांश ८७४,९०४ ज्यष्ठय ८४८ टैगोर लॉ-लेक्चर्स ११५ छल ७१७ छत्रपति महाराज-चरित्र ६१२ तन्दुल ७५४ तप्त माष ७५४ तर्क ७४४ तस्कर ८२४ तायु ८२४ तीर्थ १००२ तुला ७४६-५०-५४ तूणीर ६८५ तैत्तिरीय ब्राह्मण ५६० तैत्तिरीय संहिता ६०६-४६, ८४८-५७ जंगम ७७८ जनमेजय ५६१ जन्म-स्वत्ववाद ८३६-४३-४६ जयपत्र ७२६-५७-५८ जयस्नान ६६५ जयाभिषेक ६६५ जल ७४६-५० थाना ६४७ थ्योरी ऑव गवर्नमेण्ट इन ऐंश्येट इण्डिया ५६४ थ्योरी ऑव दी स्टेट ७०० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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