Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 26
________________ दण्ड दण्डनीति दण्डपारुष्य दण्डी ५०१ दत्त ७६६ दत्तकचन्द्रिका ६०३-४ ५००, ६५६, ७१५-६३-६५ ५८०-८२-६८ ७०६-१०-११-१२, ८१६-२० दत्तकपुत्र ८६१-८३, ८४, ८५, ८७, ६०, ६१, ६६ दतकमीमांसा ८६४-६५, १०३ दत्तानपाकर्म ७६५ दत्ताप्रदानिक ७६५ दम ५८० दर्भ ७६७ दशकुमारचरित ५०१, ६७६ ८३८ दान दानपत्र ७२६ दाम ६५९, ७१५ दामदुपट ७७७ दाय ८३७-३८, ३६, ४०, ६०४-५, ६ दायक्रमसंग्रह ८३८ दायविभाग ८४७ दायाद ८३७ दायाद बान्धव दास - पत्र ७२६ दि डिवाइन राइटर ऑव किंग्स ५६३ दिव्य ७१३ ४७, ७४१, ७५० ७५२, ७५४ दिव्य प्रमाण ७४५-४१, ५० दिव्यावदान दी स्टेट इन ऐंश्येण्ट इण्डिया ६१७ दीर्घचारायण ५७१ दीक्षा १००७ दुराचार १६२ दुर्ग ६६३-६५ दुष्कृत्य ६६६ दुहिता ११२ ८६५ दूत ६३५-३६ देवरात ६१३ Jain Education International देवल ८६५, १००१ देवलक १००१ देवस्वामी ६१३ देवाय स्वत्व देश ८८७ देव ६४३ देवी क्रिया देवी शक्ति दोहित्र द्यूत ८३४ ६१२ द्रव्य - प्रकृति द्रोणपर्व ५६१ याभियोग ७१५ द्वयामुष्यायण ११५ ८४२ ७४५ ६०५ द्वापर ६७२, ६८२ डिफल ७१६ द्विगति ७१६ द्विद्वार ७१६ ८८-६५, ६८, ६६, ६०२ द्विरागमन ६३६ द्विरुत्थान ७१६ द्वैधीभाव ६६३ ध घनमूल धनलाभ ६८७ धनुर्वेद ५८३ धरण ७०६ धरोहर ७१५ धर्म ५८२, ७१३, ५३ धर्म का दिव्य ७५४ धर्मप्रवक्ता ७१९ धर्मधाता १३४ धर्मविजयी ६०७ धर्मव्यतिक्रम ६६० धर्मशास्त्र धर्मसिन्धु १५, २००-३ धर्म स्थान धर्म स्थायी ७०४, २२ For Private & Personal Use Only ७१२-३६ अनुक्रमणिका • ५८०, ७१८, ६६५ ७११, १२, १६ २१ www.jainelibrary.org

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