Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 31
________________ २६ . धर्मशास्त्र का इतिहास मन्त्र मुक्त ६८६ मन्त्र शक्ति ६५६ मन्त्रिगण ६२३-२५.२७-२६ मन्त्री ६२४ मलिम्ल ८२४ मल्हार रामराव चिटनिस ६१२ महाजन ८०५ महापातक ८६६ महाप्रस्थान यात्रा ६६ महाभारत ५७९-८१, ८३, ८४, ६१५, ७७६, ६६२ महीदुर्ग ६६३ महेन्द्र ५७६ महेश्वर ५७९ माता १००० माता-पिता ११६ मातृभाग ८६४-८७ मात्स्य न्याय ५८६, ७००, ७०४ मानव ५७६ मानसोल्लास ६२६-२७, ७१, ८१ माया ६४० मार्कण्डेयपुराण ५८४, ६४९ मार्ग ६६५ मालविकाग्निमित्र ६२६-२६ माष ८२१ माषक ८१७ मिताक्षरा ५८२-९८, ७०६.२३, ७६, ८७२, ६०८, १०१० मिथ्या ७२८ मित्र ६७७ मित्र-संधि ६९४ मुक्त ६८६ मुक्तामका ६८६ मुख्य-प्रधान ६२४ मुद्रा ६३३ मुद्राध्यक्ष ६४७ मृगया ६१८ मृच्छकटिकम् ७२१-४० मृतान्तर ७३८ मेगस्थनीज ६६५-७२, ७६, ७०३ मेधातिथि ५८२, ६१८-२०, ७२३-७६, ८७२, ६०८, १०१० मैकरिण्डिल ६२२-६५, ७६ मैत्र ६६४ मोटप ८७४, १०८ मील ६७७ य यति १००८-५ यदच्छाभिज्ञ ७३८-३६ ययाति ५६५ यव ६६२ यशस्तिलक ५८६ यत्र-वचनोत्पादित ८८१ यज्ञ ७७३ याचितक ७८७-८८ यातव्य ६८६ यातुधान ४६ यादृच्छिक ७३८-३६ यान ६६३ यास्क ५६५ यात्राएँ १००३ याज्ञवल्क्य ५८१-८२, ८४,९७,६०१. याज्ञिक ८८७ युक्ति ७८४ यक्तिलेश ७४४ युग ९८४ यद्धनियम ६८२ युधिष्ठिर ५८३ युवराज ६२६ य वाँग-च्वाँग ५६१-६५ योगक्षम ६८६, ८५७ योपिद्ग्राह ७८६ यौतक १४५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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