Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 41
________________ ३६ . धर्मशास्त्र का इतिहास और्णवाभ १३५२ औशनसस्मृति १२२४ ऋणमोचन १३३६ मत १०१५, १६ ऋतचित १०१६ ऋतधीतयः १०१७ ऋतम् १०१६ ऋताबृध १०१६ ऋतावान् १०१६ ऋतु १२५६ ऋतेन १०१६ ऋषि १०१७ ऋषि चान्द्रायण १०८२ एकत १०२० एकभकत १०८२ एकवेदी १२२७ एकामन भोजन १०२७ एकाष्टका १२०७, एकाह ११७२ एडगर्टन प्रो० १११२ एनः १०३२ एनस् १०१७ एनस्विन् १०३१ एनस्वी १०२१ एपिप्रैफिया इण्डिका १३४८ एरण्डी १३८८ कठोपनिषद् ११०३ कदलीदान ११०६ कनखल १३२० कनिंघम जनरल महाबोधि १३५१ कन्यादूषण १०२१ कपिला १३८८ कम्बल १३३६ कर्ता १०२३ कर्म १०३३, १३३५ कर्मविपाक ११०७, ८, ११६७ कर्मांग १२२२ कर्षण ११८६, ८७ कलिवयं १०२८, १०४७ कल्पतरू १०६२ कश्यप १०६०, ६१ काञ्ची १३७१, ३१ काञ्जीवरम् १३७१, १३६१ काठकगृह्यसूत्र १२०७ काठकसंहिता १०२५, १०४० कात्यायन १०२२ कात्यायन श्राद्धसूत्र १२३६, १२६३ कात्यायनश्रौतसूत्र ११४५, १३७२ काम १२५६ कामकृतपाप १०४५ काम्य १०४५ काम्यक १३०६ काम्य श्राद्ध १२८३ काम्य श्राद्ध कर्म १२१५ कारपचव १३०४ कार्पटिक १३१३ कार्पटी १३१३ काल ११८६,८७,१२५६ कालदुष्ट १०३२ कावेरी १३८८ ऐकोद्दिष्ट १२७८, १२८३ ऐतरेय ब्राह्यण १०४३, ११५८ एश्वर्य १०१७ ओ ओंकार १३२६ ओकार मान्धाता १३८८ ओम् १०३८ ओ० मैली १३५१ औ औपासन १२५८ औरंगजेब १३४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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