Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou
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अनुक्रमणिका • ३१
स्वामी ५८६, ८३६-८७ स्वायत्त ग्राम-संस्थाएँ ६४६-५० स्वीकार ७६७ स्वैरिणी १५० स्त्री-धन ६१८-३७, ४०, ४१, ४२, ४३ स्त्रीपु धर्म ८३२ स्त्रीपु संयोग ७७२ स्त्रीसंग्रहण ८१६-३० खुव ६६७
सुहृद् ६८८-८६ सूचक ७१६ सूची ७३८ सूत्य १००७ सूनाध्यक्ष ६४६ सेक ७७८ सेतु ८१७ सेनापति ६२४-३५ रोलमाण्ड ७०० सोत्तर ७१६ सोम ८३७ सोमदेव ७०२ सोमविक्रय १००२ सौदायिक ६३६-४० सौतामणि १६७ स्कन्द ५८० स्टोक ८९७ स्तेय ७११, ८१६-२४, २७ स्तोभक ७१६ स्तोभ ८०० स्थान ८८७ स्थानवाल ६४७ स्थानिक ६४५.४७ स्थितिपत्र ७२६ स्मारित साक्षी ७३८-३६ स्मात काल ७३२ स्मृति ५८२, ८४१, ६६६-८७ स्मतिचन्द्रिका ७२३ स्व ८३६ स्वत्व ८३९-४० स्वत्वहानि ७३३ स्वधा ६०१ स्वयंदत्त ८८३-८४-६० स्वय मुक्ति ७३८ स्वराट ६०८ स्वामित्व ८५६ स्वामि-पालविवाद ७६८
हट्ट ६६५ हरदत्त १००२ हरिवंश पुराण ५६५ हर्ष ५६१ हर्षचरित ६०२-२६ हस्त्यध्यक्ष ६४७ हारीत ८३३, ६६६ हिंसामूल ७१२-१३-३८ हिन्दू पालिटी ५६०, ६१७ हिन्दू ला टेवट्स ८९७ हीनपत्रक ७५८ हीनवादी ७५८ हेतु ७४४ हेमन्त ६६१ हेमाद्रि ६४६ हैमवत ७५३ होलाका ६६३ ह्व न सांग ५६१, ५६५
क्षमालिंग ७३४ क्षयाधि ७७४ क्षेत्रज ८६५-८०, ८३, ८६, ९ह क्षेतज विवाद ८१३
वयी शिक्षा ५६८ वसददस्यु प्रपा ६५३ त्रिदंडी १००६ त्रिपुरुष-भोग ७३३ वियोनि ७१५ नेता ६७२-८२ पृरुषिक ६२३
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