Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou
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अनुक्रमणिका • १७
आन्वीक्षिकी ५६८ आपस्तम्बधर्मसूत्र ५७६-८१,८३, ६०२, ७०७,
७४६, ८११, ६३७ आपस्तम्बश्रौतसूत्र ५६० आभिगामिक गुण ५६७ आमिक्षा ६७० आम्भियों ५७६ आय ६७५ आयुधगाराध्यक्ष ६४६ आयुर्वेद ५८३ आर. सी. मजुमदार ६१२ आर्यभट ह८६ आर्ष १४४ आश्रमवासिक पर्व ५८५ आश्वलायन-गृह्यसूत्र ६६६ आसन ६६३ आसुर ६४४ आस्कन्द ९८२ आक्षधूतिक ८३६ आज्ञापत्र ७२६
उत्तराधिकारी ६११ उत्सर्जन ६७४ उत्साहशक्ति ६५६ उत्क्षेपक ८२५ उदनीया ७० उदय ६८६ उदासीन ६६१ उदास्थित ६३६ उद्धार ८७० उद्धारपत्र ७२६ उद्धृत ८१४ उपंधा ६२४ उपकुर्वाण ६३४ उपगत ७२६, ८२ उपग्रह ६६४ उपच्छन्न ८१३ उपदेशकता ७४० उपधि ७८२ उपनयन सहह उपनिधि ७८६, ७८८ उपरम-स्वत्ववाद ८३६ उपरिक महाराज ६४४ उपवेद ५८३ उपषद् १००७ उपहार ६६४ उयाय ६५४ उपांशु ८१३ उपेक्षा ६६०, ७३३ उशना ५७६, ६६१, ८०३
इच्छापत्र ६५१ इच्छापत्रता ६३१ इतिहास-वेद ५६८ इन्द्र ५८०, ६५, ६०८,८४८ इन्द्रजाल ६६० इष्ट ८६५
उक्थ्य ६६६ उक्तलाभ ८०८ उच्छिन्न ६६४ उच्छिष्ट १००१ उच्छेद्य ६६० उत्कोच ७६६ उत्तर ७१३, १४ उत्तरपाद ७२७ उत्तरसाक्षी ७३६
ऋग्वेद ५६०-६२, ६०२-५, ४६, ६३,
८२४-३७, ४७, ८८ ऋण ७७०, ७३ ऋणदाता ७२६ ऋण लेख ७२६ ऋणादान ७७५ ऋणी ७२६
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