Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou
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धर्मशास्त्र का इतिहास, भाग-२
अनुक्रमणिका] (पृष्ठ ५७६ से १०१२ तक)
अंकुरारोपण ६७८ अंकुश ६८६ अगिरा ८५४ अकृत ७३६, ३८, ३६ अग्नि ७४६, ५०, ५२ अग्निचयन ६६४, १००३ अग्निचूर्ण ६८६ अग्निपुराण ५८७, ५६७,६११, ६७ अग्निहोत्र १००६ अग्निहोत्र-हवणी ९६७ अजातशत्रु ६१५ अटवी ६७७ अथर्ववेद ५६०, ६०२, १६, ३१ अदत्त ७६६ अदायादी ९०६ अधिकरण ६४४, ७२२ अधिकरणिक ७२२ अधि कर्मकृत् ८०१ अधिकृत ७२२ अधिगम ८४० अधिराज ६०५ अधिष्ठान ६४४ अध्यावहनिक ९३४ अध्यग्नि ६३६ अनंश ८६६ भनन्याश्रित द्रव्य ७८६ निय ५८२ मनागमा ७३० नित्य द्वधामुष्यायण ८६६
अनिष्टावेदनता ७४० अनीकिनी ६८० अनुग्रह ६७२ अनुत्तर ७१६ अनुमान ७४४, ४५ अनुवाद अनु शासन-पर्व ५७६,808 अनुसामन्त ६४४ अनुज्ञान ८६३ अनत ८६६ अनौरस पुत्र ८६२ अन्तेवासी ८०१ अन्तर्जातीय विवाह १६५ अन्वाधि-पत्र ७२६ अन्वाधेय ६३८-४०-४३ अन्वाहित ७८८ अपक्रय ६६४ अपण ७१६ अपनय ६८६ अपराध ७१६. १७ अपरार्क ६१७, ७३६ अपविद्ध ८८२, ८४ अपविद्ध ८८४ अपूर्व ७८० अप्रकाश तस्कर ८२५ अप्रतिबन्ध दाय ८३६-४१, ५४, ५५, ६०५-६ अप्रतिहत चकस् ६०६ अप्रत्यय भोग्याधि ७७६ अभय ७८१
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