Book Title: Dharmshastra ka Itihas Shabdanukramanika
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 11
________________ ६० धर्मशास्त्र का इतिहास दानसागर ८१ दायभाग ६८, ७८, ५०१ दाश १३२ दासप्रथा १७२ दिवस ३५७ दिवाकीर्त्य १३२ दीक्षणीय इष्टि ५४६ दुर्गापूजा ४०२ दुर्भर १४१ दृषद्वती १०७ देय ४५१ ८२ देवण्ण भट्ट देवदासी ४७६ देवपूजा ३६८, ४७५ देवप्रतिष्ठा ४७५ देवयज्ञ ३८८ देवल ३८ देवस्वामी ७० दौष्मन्त १३२ द्रविड़ १३२ ब्राह्यायण श्रौतसूत्र ११ द्रोणाचार्य ३३ द्वादशाह ५६० ध धरादान ४६४ धर्म-उपादान ५ धर्म निर्णय ५०३ १२ धर्मशास्त्र धर्मसूत्र ६, है धारेश्वर ६४ धारेश्वर भोजदेव ७० शिवण १३२ धीवर १३२ धेनुदान ४६७ १३ न नचिकेता ११ Jain Education International नट १३२ नन्दपण्डित २५ ५५ ७४, १२ नयचन्द्रिका २४, २८, ३४ नरेन्द्रनाथ ला २हे नागबलि ४४२ गोजिट १५ नान्दीश्राद्ध १८७ नापित १३३ नामकरण १७६, १६५ नारद ८, ५०, ५७, ६१ नारदस्मृति ४६, ५५, ५६ नारायण ७३ निच्छिवि १३३ नित्याचारप्रदीप ३७ नियोग १६, १३८ निरुक्त ७, ४२, १७४, १७५ निरु पशुबन्ध ५४१ निर्णयन १७९, २०१ नि ५३१ निषाद ३६, १३३ निषादी १२० निष्क्रमण १७९, २०१ नीलकण्ठ भट्ट ६.३ नृयज्ञ ४०० नृसिहप्रसाद प नैमित्तिक स्नान ३६७ नैष्ठिक ब्रह्मचारी प पंक्ति दूषक ४१७ पंक्ति-पावन ४१७ पंच महायज्ञ ३८३ पंचांगनक ४६४ पंचायतन ३६४ २५२ पतित-सावित्रीक २५२ पत्नी सन्नहन ५३२ - परदा प्रथा ३३६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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