Book Title: Charananuyoga Part 2
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 3
________________ जैनधर्म, दर्शन के सुप्रसिद्ध निदान डा० सागरमलजी जैन ने आगम अनुयोग ट्रस्ट अमदाबाद को उनका राह्योग बराबर मर्वथा निस्पृह भावना पूर्वका अन्य की महत्वपूर्ण प्रस्तावना लिन मिलता रहा है और भविष्य में भी मिलता रहेगा ऐसा विश्वारा कर अनुग्रहीत किया है, हम उ री रहे । है। भागने वाली प्रनि अत्यन्त श्रद्धावान लिमही सम्प्रदाय के दुरूह आगम कार्य को प्रेस की दृष्टि से व्यवस्थित कर श्री भास्कर मुनिजी म. ने प्रकाशित अनुयोग ग्रन्थों के प्रचारसुन्दर शुद्ध मुद्रण के लिए जैन दर्शन के अनुभवी विद्वान श्रीचन्द्र प्रसार में विशेष अभिरुचिपूर्वक जो सहयोग प्रदान जी सुराना 'सरस' के हम आभारी हैं जिन्होंने पूर्व दोनों अनु. यह एक आदर्श और अनुकरणीय-स्मरणीय रहेगा। योगों की भांति इस ग्रन्थ के मुद्रण में भी पूर्ण सदभावना के प्रेस कापी करने का विशाल कार्य श्री राजेन्द्र मेहता साथ सहयोग किया है। गाहपुरा वाले ने श्रद्धा भक्ति एवं विवेकपूर्वक किया है इसलिए दृस्ट के सहयोगी सदस्य माल के भी हम आभारी है ट्रस्ट की ओर से उनका हम हादिक अभिनन्दन करते हैं। जिन के आर्थिक अनुदान से इतना विशाल' व्ययमाध्य कार्य हम हमारे ट्रस्ट के मन्त्री अनुभवी एवं सेवाभावी श्री हिम्मत सम्पन्न करने में समर्थ हुए हैं। भाई शामलदास शाह अब काफी बुद्ध हो गये हैं, फिर भी इस प्रसंग पर हम आगम अनुयोग प्रकाशन परिषद् सांडेराव समय-समय पर वे अपने अनुभव आदि का लाभ दे रहे हैं । हमारे के मान्य कार्यकर्ताओं का भी साभार स्मरण करते हैं जिन्होने कार्य कुशल सहयोगी धी जयन्ती भाई चन्दुलाल संघबी एवं अन्य इस अति दुरूह कार्य के प्रारम्भ में अति उत्साहपूर्वक कदम सभी सहयोगी जनों का स्मरण करते हुए भावना करते हैं श्रुत ज्ञान की ममर ज्योति गबके जीवन को प्रकाशमय करे। बढ़ाया और हमारे लिए कार्यशैली का मार्ग प्रशस्त किया। विनीत बलदेवभाई डोसाभाई पटेल अध्यक्षा अगम अनुयोग ट्रस्ट, अहमदाबाद

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