Book Title: Chandonushasanam
Author(s): Anantchandravijay
Publisher: Chandroday Charitable and Religious Trust
View full book text
________________
१३६
छंदोनुशासन वणलच्छि अ वसंतरेहिआ । कह जीवउ मा(सा)मि विरहिणी, मिउमलयानिलफंसमोहिआ।" ५१ ओजे चतुर्दश समे सप्तदश मधुरालापिनीहस्तो। यथा “सुन्दरु त किओ एहू सहि, पिओ जं म(भ)णिउ विणयनिसbणओ । तसु अवराहहं सव्वहंवि, महुरालाविणिहत्थु विइण्णओ।" एवं त्रयं । ५२ । तथा। ओजे पञ्चदश समे षोडश मुखपनिर्यथा " परनरमुहपेच्छणविरयए. पथनहमणिपडिबिंबिअ जि परि । दहमुहमुहपंति पलोइआ, सीअए भयविम्हयहासकरि ।" । ५३ । ओजे पञ्चदश समे सप्तदश कुसुमलतागृहम् । यथा “जलइ जइवि कुसुमलयाहरु, तवइ चंदु जह गिम्हि दिवायरु । तुवि ईसाभरपरितरलिअ, पिअसहि वयणु न मन्नइ बालिअ ।" । ५४ । एवं द्वे । ओजे षोडश समे सप्तदश रत्नमाला । यथा “करवालपहारिण उच्छलिल, करिसिरमुत्ताहलरयणमाला । रेहइ समरंगणि जयसिरिए, उक्खिविअ नाइसयंवरमाला।" अत्रैकः । एवं पञ्चपञ्चाशद्भेदाः । २० ०व्यत्यये सुमनोरमा पङ्कज कुञ्जर मदनातुर भ्रमरावली पङ्कजश्री किङ्किणी कुड्डुमलता शशिशेखर लीलालया ॥ १० ॥ चन्द्रहास गोरोचना कुसुमबाण मालतीकुसुम नागकेसर नवचम्पकमाला विद्याधर कुब्जककुसुम कुसुमास्तरणाः ।९। मधुकरीसंलाप सुखावास कुङ्कुमलेखा कुवलयदाम कलहंस सन्ध्यावली कुञ्जरललिता कुसुमावल्यः । ८ । विद्युल्लता पञ्चाननललिता मरकतमाला अभिनववसन्तश्री मनोहरा क्षिप्तिका किन्नरलीलाः ॥७॥ मकरध्वजहास कुसुमाकुलमधुकर भ्रमरविलास मदनविलास विद्यारहास कुसुमायुधशेखराः ॥ ६ ॥ उपदोहक दोहक चन्द्रलेखिका सुतालिङ्गन कङ्कल्लिलताभवनानि ॥ ५ ॥ कुसु
२१
२3
२७
२९
34
३२
3५
३६

Page Navigation
1 ... 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260