Book Title: Bhasarvagnya ke Nyayasara ka Samalochantmaka Adhyayana Author(s): Ganeshilal Suthar Publisher: L D Indology AhmedabadPage 13
________________ (१२) पृष्ठ ... ११९ ... १२५ ... १२७ १२७ कालात्ययापदिष्ट प्रकरणसम विरुद्धाव्यभिचारी की हेत्वाभासत्वाशंका शंका-निरास उदाहरण उदाहरणाभास साधोदाहरणाभास वैधम्योदाहरणाभास उपनयनिरूपण निगमननिरूपण १३४ ... १३५ ... १३८ पञ्चम विमर्श-कथानिरूपण तथा छल-जाति-निग्रहस्थान निरूपण ... १४५-१८६ कथा-बाद-निरूपण १४५ जल्पनिरूपण १५० वितण्डा १५१ १५३ वाक्छल ... १५४ सामान्यच्छल ... १५५ उपचारच्छल जातिलक्षणविमर्श जातिभेदनिरूपण निग्रहस्थाननिरूपण ... १७५ १५६ ... १५८ ... १८७-२०४ ... १९० ... १९१ ... १९३ षष्ठ विमर्श-आगमप्रमाण निरूपण आगमद्वैविध्य वर्णनित्यता का निराकरण अर्थापत्ति का प्रमाणान्तरस्वनिराकरण संभव का प्रमाणान्तरत्वनिराकरण अभाव का प्रमाणान्तरत्वनिराकरण ऐतिह य का प्रमाणान्तरत्वनिराकरण चेष्टा का प्रमाणान्तरस्वनिराकरण उपमान के पृथक् प्रामाण्य का निराकरण सूत्रविरोधपरिहार आलोचना १९६ १९६ १७७ ... २०१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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