Book Title: Bhagwati Sutra Ka Darshanik Parishilan Author(s): Tara Daga Publisher: Prakrit Bharti Academy View full book textPage 7
________________ कि उन्होंने अपने सद्प्रयासों के द्वारा आगम साहित्य के एक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ की विषय-वस्तु को जन-जन के अध्ययन योग्य बनाया है। साथ ही मैं यह अपेक्षा भी रखता हूँ कि न केवल जैन समाज में अपितु विद्वत् जगत में इस ग्रन्थ के प्रकाशन का स्वागत होगा। लोग इस ग्रन्थ का अध्ययन कर अपनी ज्ञान चेतना को विकसित करेंगे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पायेंगे। डॉ० सागरमल जैन संस्थापक निदेशक प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर अनुमोदना एवं अनुशंसाPage Navigation
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