Book Title: Bhagvati Sutra Part 05
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 9
________________ নিষভানুমকিাशतक १३ उद्देशक ५ उद्देशक १ . क्रमांक विषय पृष्ट | ४४४ नैरियकों का आहार २.२६ ४२६ नरकावासों की संख्या विस्तारादि २१३६ ४३० नरयिकों में दृष्टि उद्देशक ६ २१५३ ४३१ लेश्या में परिवर्तन २१५६ | ४४५ सान्तर-निरन्तर उपपात-च्यवन २२२७ ४४६ चमरेन्द्र का आवास स्थान उद्देशक २ २२२७ ४४७ उदायन नरेश चरित्र २२३१ ४३२ देवावासों की संख्या विस्तारादि २१५९ ४४८ उदायन नरेश का संकल्प २२३३ ४३३ देवों में दृष्टि २१७२ | ४४९ भानेज का राज्याभिषेक । २२३७ उद्देशक ३ ४५० उदायन नरेश की दीक्षा २२३९ ४३४ नैरयिक के अनन्तराहारादि २१७४ | | ४५१ अभीचिकुमार का वैरानुबन्ध २२४२ उद्देशक ४ उद्देशक ७ ४३५ नरकावासों की एक दूसरे से ४५२ भाषा जीव या अजीव २२४५ विशालता २१७५ | ४५३ मन और काया आत्मा है या ४३६ नरकावासों के स्थावर जीव अनात्मा भी महाकर्मी २१८१ | ४५४ मृत्यु के विविध प्रकार २२५४ ४३७ लोक का मध्य भाग २१८२ उद्देशक ८ ४३८ दिशाओं का उद्गम और विस्तार २१८५ -२२६२ ४३६ पंचास्तिकायमय लोक ४५५ कर्म प्रकृति २१८८ ४४० प्रदेशों की अवगाढ़ता २२१० - उद्देशक ९ ४४१ धर्मास्तिकायादि की रूपातीत ४५६ अनगार की वैत्रिय-शक्ति व्यापकता २२२१ उद्देशक १० ४४२ लोक का सम एवं संक्षिप्त भाग २२२३ ४४३ लोक की आकृति २२२४ | ४५७ छाद्मस्थिक समुद्घात २२७२ २२४९ २२६३ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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