Book Title: Atma Sambodhan Author(s): Manohar Maharaj Publisher: Sahajanand Satsang Seva Samiti View full book textPage 9
________________ • [ ४ ] सहजानन्दगीता, समस्थानसूत्र व संदृष्टिसंग्रह ये १० ग्रन्थ थे मैंने आपसे उन ग्रन्थों के प्रकाशित कराने की प्रार्थना की। बहुत निवेदन के बाद आपने जो आत्मसम्बोधन सामने रखे हुए थे उसे प्रकाशित करने की प्रार्थना को अस्वीकार न कर सके। जिसके फल स्वरूप आज आप हम सब उनमें भरे हुए अमृतकणों का पान कर रहे हैं। ____ अन्त में आशा करते हैं कि हम सब इन सुधाबिन्दुओं का पान कर अपनी आत्मदृष्टि बनाकर सत्य अविनाशी सहज आनन्द के पात्र बनें। धर्मानुरागियों का सेवकमंगसिर मुदी छट मंगलवार महावीर प्रसाद जैन बैंकर ता० ४ दिसम्बर १६५१ सुपुत्र ला० छेदामलजी जैन, सदर मेरठ ।Page Navigation
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