Book Title: Apbhramsa Kavya Saurabh Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 9
________________ प्राभार काव्यांशों एवं उनके व्याकरणिक विश्लेषण से सम्बन्धित पुस्तकों का प्रूफ-संशोधन का कार्य अत्यन्त कठिन होता है । किन्तु मुझे हर्ष है कि अपभ्रंश के मेरे विद्यार्थियों-- सुश्री प्रीति जैन, सुश्री सीमा बत्रा एवं सुश्री माया शर्मा ने, जिन्होंने अकादमी की 'अपभ्रंश डिप्लोमा परीक्षा उत्तीर्ण की है और जो अकादमी के प्रकाशन विभाग में कार्यरत हैं, इस कठिन कार्य को सहर्ष और रुचिपूर्वक सम्पन्न किया है । अत: मैं उनका आभारी हूँ। मैं सुश्री प्रीति जैन का विशेषरूप से प्रामारी हूँ जिन्होंने काव्यों के अनुवाद एवं व्याकरणिक विश्लेषण में महत्वपूर्ण सुझाव सुझाए । मेरी धर्मपत्नी श्रीमती कमलादेवी सोगारणी ने इस पुस्तक को तैयार करने में जो सहयोग दिया है उसके लिए प्राभार व्यक्त करता हूँ। ___ इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए जनविद्या संस्थान समिति एवं समिति के पूर्व संयोजक श्री ज्ञानचन्द्र खिन्दूका ने जो व्यवस्था की उसके लिए मैं उनके प्रति आभार प्रकट करता हूँ। कमलचन्द सोगाणी (सेवानिवृत्त प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र) संयोजक अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर जैनविद्या संस्थान, श्रीमहावीरजी । -0000 iv 1 [ अपभ्रंश काव्य सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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