Book Title: Apbhramsa Abhyas Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 47
________________ [ निम्नलिखित छन्द पाठ्यक्रम से अतिरिक्त हैं । इन छन्दों में से परीक्षा में नहीं पूछा जायेगा। ज्ञानवर्धन के लिए विद्यार्थी पढ़ सकता है । ] (40) छन्द [ खण्ड 2] मात्रिक छन्द 1. रयडा 2. विलासिनी 4. निध्यायिका 5. चउपही (चतुष्पदी) 6. मदनावतार 7. सारीय 8. शशितिलक 9. मंजरी 11. शालभंजिका 13. कामलेखा Jain Education International 3. मत्तमातंग वर्णिक छन्द 18. 15. आरणाल 17. तोमर सोमराजी 20. समानिका 22. भुजंगप्रयात मात्रिक छन्द 10. रासाकुलक 12. हेलाद्विपदी 14. दुवई 16. लताकुसुम 1. रयडा छन्द लक्षण - इसमें दो चरण होते हैं (द्विपदी ) । प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती हैं। 19. स्रग्विणी 21. चित्रपदा 23. प्रमाणिका For Personal & Private Use Only अपभ्रंश अभ्यास सौरभ (छंद एवं अलंकार) www.jainelibrary.org

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