Book Title: Anusandhan 2019 07 SrNo 77
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 111
________________ १०४ अनुसन्धान-७७ तडफड करतो रडकतोजी पडतो जातो दीठ माता देखी आरडईजी हा धिग् प्राणी धीठ... म्हा० ७२ प्राण नहीं किम कीजीइंजी धरती खोह अपार पडस्यई खागल खादरेजी किंकर लहिस्यां सार... म्हा० ७३ माथु फाटस्यई गडेजी पडत समो ततकाल आडा कर कुण मांडस्यईजी ताहरई काजि बाल... म्हा० ७४ बचुकारी बोलाविस्यइजी तुझ नई कवण सपूत्र फुक देई काने खरीजी कुण तेडस्यई अंगूत्र... म्हा० ७५ यदपि न रहस्यई जीवतोजी पिण जो रहस्यइ कदापि तो कुण पय पायस्यईजी वली कुलस्यई थणताप... म्हा० ७६ हालरडां कुंण गाईस्यईजी पालणइ पोढाडि बेटा तो माता पखइजी कुण हेलवस्यइ हाडि... म्हा० ७७ हुं पुण्यहीणी पापिणीजी कर्म घणी मुझ घोर दुःख उपरि दुःख उपजईजी कोई न हालई जोर...म्हा० ७८ पुव्वभवंतर मई कीयांजी कडूआं कर्म कठोर इणि भवि आडां आवीयांजी प्राणी परिहरि सोर... म्हा० ७९ थापिणमोसा मई कीयांजी दीधा कूडां आल चाडी खाधी चूंपसुंजी पेटई पाडि झाल... म्हा० ८० गर्भ अधूरा गालव्याजी पाम्या मित्र वित्रोट कामण करिनई मारियाजी दीधा विष मनखोट... म्हा० ८१ नंदा कीधी पारकीजी परगट चडी बाजार अकर करीनई पाडव्याजी कुमणि मारि मारि... म्हा० ८२ गुरुमुख ले व्रत भांजीआजी बोली कूडी साखि माल गमाड्या पारकाजी चोर चरड घरि राखि... म्हा० ८३ मत्सर गुरुसुं माडीयोजी पाम्यो गच्छ विचि फांट श्रावक कीधा दोहिलाजी चूकावी धर्म वाट... .म्हा० ८४ द्वेष करी जिन देवसुंजी थाप्यो कुमती धर्म ईणि भवि मुझनई ओ सहूजी आडां आयां कर्म... म्हा० ८५

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