Book Title: Anusandhan 2019 07 SrNo 77
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 110
________________ जून - २०१९ १०३ ते गिरि ऊपरि आवीयो विद्याबलि असमांन साध तणा अपमानथी थंभ्यो तेथि विमान... दृष्टि अधो तिणि खेचरई दीधी दीठो साध नीचो तिहांथी उतरी वंदन करइ अबाध... धरमलाभ मुनिवर दीयु वली दीधउ ऊपदेस ओह अथिर संपद थकी पामइ जीव कलेस... देसण सांभलि ऊठीयो ते विद्याधर राय तिणि अवसरि सा संदरी दीठी वदन विछाय... वंदण हेतई आवीउ साहमिणि बुधिं पास अंग अवयवे उलखी भाणेजी सुविलास... हे वच्छे! तुं ओकली किम दीसई ईणि ठाय साच प्रकासो अम्ह भणी मनिमई अचरिज थाई... तेणई मामउ ओलख्यो जाइ वलगी कंठ हुबकनइ रोइ घणुं गरुइ सगपणी गांठि... वात सहू धुरथी कही मामई सुंणी उच्छाह परणी छांडी आदरी वली मेल्ही वनमाहि... मामई अकमनइ सुणी वीतक सघली वात आदर करी आसासना दीधि दिल संघात... ते त्रिणइ विमानमई लेई चाल्यो बईसारि वाटइ चालंतां थयुं ते सुणज्यो निरधार.. ढाल - आउ म्हारा रामजी, तो विण सूनो राज्य... देशी राग-मल्हार गयण विमाणे चालतांजी रणकी घंटालाल बालक झालंतां पड्योजी उछलीनई ततकाल... ६९ म्हा० माहरा पुत्रजी कवण अह्म आलंब झूरी मरेस्यई मावडीजी कोई नहीं आलंब... ७० म्हा० हा हा करीनई झलफलीजी पडतां घाली बाथ पिण फलसी नीचो गयोजी ग्रह न सक्या पग हाथ... म्हा० ७१

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