Book Title: Anusandhan 2019 07 SrNo 77
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 132
________________ जून - २०१९ पुर अपापइ उत्साहजी जिन. करे सिद्धि वधुनो विवाहजी जिन. प्रभु जनमनरंजन रूपजी जिन. अंजन रहित स्वरूपजी जिन. शान्तिसुधारस सिंधुजी जिन. शासननायक जगबंधुजी जिन सुरतरु चिन्तामणि सारजी जिन. एतो भगत मुगतिदातारजी जिन. ५४ प्रभु भवदव मेह समानजी जिन. दिओ समकित अखय निधानजी जिन. इम वीरजिनेसर गावोजी जिन. स्याद्वादरस पायोगी जिन. ५५ तार्किक आचार्य कहायाजी जिन. जसविजय उवज्झायाजी जिन. गुणविजय विबुध तस शिसजी जिन. कहे सुमतिविजय सुजगीशजी जिन. ५६ कलश इय वीर दीक्षा समय वर्णन वर्णव्यो भावे करी अजर अमर अकलंक निर्मम तरण तारण चित्त धरी श्री जसविजय उवज्झायनो सुशिस गुणरयणायरु गुणविबुध सेवक सुमतिविजये संथुण्यो परमेसरु ॥ इतिश्री चरमतीर्थ(पति)दीक्षामहोत्सवाधिकार स्तवनं ॥

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