Book Title: Anusandhan 1997 00 SrNo 09
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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कृष्ण
झंझू पद्मावती
जयपाल (नागार्जुन - पिता ) ३१ सिंह (नागार्जुन) जयनश्री (नागार्जुन-माता) कनकगिरि-योगी नागार्जुन योगी
पादलिप्ताचार्य
चिर्पटिनाथ
वर्धमानसूरि
सोमेश्वर द्विज
जिनेश्वरसूरि
अभयदेवसूरि
राजशेखरसूरि
नागमत
ज्ञानमत
नागपूजन
बौद्धदर्शन
इच्छारूप (विद्या)
परकायाप्रवेश
रामचरित्र
(4)
प्रकीर्ण
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२७
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१, २८
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३२
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प्रशस्ति
४, २८
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१६
२१
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२६
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हटकेश्वर-लिङ्ग आकाशगामिनी
चिर्पटि: (रससिद्धि:) धूम्रवेधविद्या
रुलन्
चिर्भट
(६)
ग्रंथमां मळता विलक्षण शब्द प्रयोगो
(प्र. ३) -रोळातो
(प्र. ३) - चीभडुं
(प्र. ६) - फरी जशे
11
फेरववुं
स्फिरयिष्यति
फेरणीयं
जबादि जलहराः
बीटिका
सूत्कटी
० जातिटोला
० बोहनिका
० विरदाः
प्रवण्य
प्रतलीकुर्वन् पल्ल्ययनिक
वाहरा
करचटितः
लल्लिपल्ल
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11
(प्र. १४)
"
२८
३१
11
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17
' - जातिना टोला.
"
11
"पातलुं करतो.
(प्र. १७) पलाण नार
वा 'र-वहार
- कुमक
नोंध : पौराणिक विशेषनामो ग्रंथमां घणां होवा छतां पसंद करेलांनी ज सूचि अहीं
आपेल छे.
मदद
(प्र. २४) - हाथे
चडेलो
(प्र.२९)-लाड
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