Book Title: Anekant 2013 Book 66 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 256
________________ अनेकान्त 66/4, अक्टूबर-दिसम्बर 2013 की ५२५ धनुष उत्तुंग हरित्वर्णीय पन्ना की भव्य-मूर्ति का वर्णन सुना तो वह भाव-विभोर हो उठी। इसकी चर्चा उसने अपने आज्ञाकारी पुत्रचामुण्डराय से की और उसके दर्शनों की इच्छा व्यक्त की,तोवह भी अपने हजार कार्य छोड़कर अपनी माता की मनोभिलाषा पूर्ण करने हेतु अपने गुरुदेव सि.च.नेमिचन्द्र के साथ उस मंगल-मूर्ति का दर्शन करने के लिए तक्षशिला(वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित) के पास पोदनपुर की यात्रा के लिये निकल पड़ा। यात्रा काफी लम्बी थी। चलते-चलते वे सभी कटवप्र के एक बीहड़ वन में रात्रि विश्राम के लिये विरमित हो गए। रात्रि के अन्तिम पहर में उन तीनों ने एक-सदृश स्वप्न देखा कि जिसमें देवी उन्हें कह रही है कि “जहाँ तुम लोग विश्राम कर रहे हो, उसी के सामने वाली पहाड़ी के शिखराग्रपर एक अभिमन्त्रित शर-सन्धान करो।वहीं से तुम्हें बाहुबलि के दर्शन हो जायेंगे। “प्रातःकाल होते ही धनुर्धारीचामुण्डराय ने अपने सामने की पहाड़ी (विन्ध्यगिरि) की शैल-शिला पर णमोकार-मन्त्र का उच्चारण कर शर-सन्धान किया और ऐसी अनुश्रुति है कि बाणलगते ही पत्थर की परतेंटूटकर गिरी और उसमें से गोम्मटेश-बाहुबली काशीर्षभाग स्पष्ट दिखाई देने लगा।बाद में उसी शिला को अरिहनेमिनेबाहुबली की मूर्ति का रूप प्रदान किया। धन्य है, वह माता कालल देवी, जिसके दृढ़-संकल्प और महती प्रेरणा से विश्व-विश्रुत, रूप-शिल्प और मूर्ति-विज्ञान की अद्वितीय उक्त कलाकृति को वीर सेनापति चामुण्डराय ने निर्मापित कराया। उस सौम्य, सुडौल, आकर्षक एवं भव्य-मूर्ति को देखकर केवल जिनभक्त ही नहीं, सारा विश्व भी अभिभूत है तथा उसका दर्शन कर उसकी अतिशय भव्यता एवं सौंदर्य पर आश्चर्यचकित रहा जाता है। इसे विश्व का आठवाँ आश्चर्य माना गया है। धर्म-परायण अजितादेवीः पूर्वजन्म के सुसंस्कारों के साथ-साथ महिला में यदि धर्मपरायणता एवं पति-परायणता का मिश्रण हो जाये, तो महिला के जिस अन्तर्बाह्य शील-सौन्दर्य-समन्वित-स्वरूपका विकास होता है. उसीका चरम विकसित रूप था अजितादेवी (१०वीं सदी) का महान् व्यक्तित्त्व। वह गंग-नरेश के महामंत्री एवं प्रधान सेनापति वीरवर चामुण्डराय की धर्मपत्नी थी।वह जितनी पतिपरायणा थी, उतनी ही धर्मपरायण भी।उसके पति

Loading...

Page Navigation
1 ... 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336