Book Title: Agam Yugka Jaindarshan
Author(s): Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 6
________________ श्रागमश कविरत्न उपाध्याय श्री श्रमरमुनिजी म० एवं मुनि श्री समदर्शीजी के भी हम अत्यन्त प्रभारी हैं कि जिन्होंने सम्मति ज्ञानपीठ, आगरा की प्रोर से इस पुस्तक का द्वितीय संस्करण प्रकाशित करने की हमें सहर्ष अनुमति प्रदान की । प्राशा करते हैं, दर्शनशास्त्र के चिन्तनशील प्रध्येता एवं शोधार्थी इसका अध्ययन कर लाभान्वित होंगे और प्राकृत भारती के इस प्रयास की अवश्य ही सराहना करेंगे । पारसमल भंसाली म० विनयसागर अध्यक्ष निदेशक जैन श्वे. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ प्राकृत भारती अकादमी मेवानगर जयपुर Jain Education International For Private & Personal Use Only देवेन्द्रराज मेहता सचिव प्राकृत भारती अकादमी जयपुर www.jainelibrary.org

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