Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 07
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 208
________________ प्रज्ञापना- ३ /-/ २६४ २०७ सूक्ष्म वायुकायिक, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक एवं सूक्ष्म निगोदों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक हैं, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म अप्कायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, सूक्ष्म अपर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं और ( उनसे भी) सूक्ष्म जीव विशेषाधिक हैं । [२६५] भगवन् ! इन बादर जीवों, बादर पृथ्वीकायिकों, बादर अप्कायिकों, बादर तेजस्कायिकों, बादर वायुकायिकों, बादर वनस्पतिकायिकों, प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिकों, बादर निगोदों और बादर त्रसकायिकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े बादर त्रसकायिक हैं, बादर तेजस्कायिक असंख्येयगुणे हैं, प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक असंख्येयगुणे हैं, बादर निगोद असंख्येयगुणे हैं, बादर पृथ्वीकायिक असंख्यगुणे हैं, बादर अप्कायिक असंख्येयगुणे हैं, बादर वायुकायिक, असंख्येयगुणे हैं, बादर वनस्पतिकायिक अनन्तगुणे हैं, और ( उनसे भी) बादर जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन बादर अपर्याप्तकों, बादर पृथ्वीकायिक अपर्याप्तकों, बादर अप्कायिक- अपर्याप्तकों, बादर तेजस्कायिक- अपर्याप्तकों, बादर वायुकायिक अपर्याप्तकों, बादर वनस्पतिकायिक- अपर्याप्तकों, प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तकों, बादर निगोदअपर्याप्तकों एवं बादर त्रसकायिकअपर्याप्तकों में ? गौतम ! सबसे कम बादर त्रसकायिक अपर्याप्तक हैं, बादर तेजस्कायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर अप्कायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर वायुकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, बादर अपर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन बादर पर्याप्तकों, बादर पृथ्वीकायिक-पर्याप्तकों, बादर अप्कायिक-पर्याप्तकों, बादर तेजस्कायिक- पर्याप्तकों, बादर वायुकायिक-पर्याप्तकों, बादर वनस्पतिकायिक-पर्याप्तकों, प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक-पर्याप्तकों, बादर निगोद - पर्याप्तकों एवं बादर त्रासकायिक- पर्याप्तकों में ? गौतम ! सबसे कम बादर तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, बादर त्रसकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर अप्कायिक-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर वायुकायिक पर्याप्त्तक असंख्यातगुणे हैं, बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं (उनसे भी) बादर पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन बादर पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे अल्प बादर पर्याप्तक जीव हैं, (उनसे) बादर अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं । इसी तरह बादर पृथ्वीकायिक से लेकर बादर वनस्पतिकायिक तक, बादर निगोद एवं बादर त्रसकायिकों में पर्याप्तक से अपर्याप्तक को असंख्यातगुणे समझना ।

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