Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 07
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 213
________________ २१२ आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद अद्धा-समय द्रव्य और प्रदेशो की अपेक्षा से अनन्तगुणा है, इससे भी आकाशास्तिकाय प्रदेशों की अपेक्षा अनन्तगुणा है । [२८४] भगवन् ! इन चरम और अचरम जीवों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! अचरम जीव सबसे थोड़े हैं, (उनसे) चरम जीव अनन्तगुणे हैं । [२८५] भगवन् ! इन जीवों, पुद्गलों, अद्धा-समयों, सर्वद्रव्यों, सर्वप्रदेशों और सर्वपर्यायों में प्रश्न-गौतम ! सबसे अल्प जीव हैं, पुद्गल अनन्तगुण हैं, अद्धा-समय अनन्तगुणे हैं, सर्वद्रव्य विशेषाधिक हैं, सर्वप्रदेश अनन्तगुणे हैं, सर्वपर्याय अनन्तगुणे हैं । [२८६] क्षेत्र की अपेक्षा से सबसे कम जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यग्लोक में हैं, अधोलोकतिर्यग्लोक में विशेषाधिक हैं, तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणे हैं, त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ऊर्ध्वलोक में असंख्येयगुणे हैं, उनसे भी अधोलोक में विशेषाधिक हैं । [२८७] क्षेत्र की अपेक्षा से सबसे थोड़े नैरयिकजीव त्रैलोक्य में हैं, अधोलोकतिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, उनसे भी अधोलोक में असंख्यातगुणे हैं । क्षेत्र की अपेक्षा से सबसे अल्प तिर्यंचयोनिक ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, विशेषाधिक अधोलोक-तिर्यक्लोक में हैं, तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, उनसे भी अधोलोक में विशेषाधिक हैं । क्षेत्र के अनुसार सबसे कम तिर्यचिनी ऊर्ध्वलोक में हैं, ऊर्ध्वलोक-तिर्यकलोक में असंख्यातगुणी हैं, त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं, अधोलोकतिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं, अधोलोक में संख्यातगुणी हैं, उनसे भी तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं । क्षेत्र के अनुसार सबसे थोड़े मनुष्य त्रैलोक्य में हैं, ऊर्ध्वलोक तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणे हैं, अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, उनसे भी तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं । क्षेत्र के अनुसार सबसे थोडी मनुष्यस्त्रियाँ त्रैलोक्य में हैं, ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं, अधोलोकतिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं, ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणी हैं, अधोलोक में संख्यातगुणी हैं, उनसे भी तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं । क्षेत्र के अनुसार सबसे थोड़े देव ऊर्ध्वलोक में हैं, असंख्यातगुणे ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, उनसे भी तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं । इसी तरह देवीओ के सम्बन्ध में भी समझ लेना । [२८८] क्षेत्रानुसार सबसे थोड़े भवनवासी देव ऊर्ध्वलोक में हैं, ऊर्ध्वलोक-तिर्यकलोक में असंख्यातगुणे हैं, त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, (उनसे भी) अधोलोक में असंख्यातगुणे हैं । भवनवासिनी देवी के सम्बन्ध में यही समझना । क्षेत्र के अनुसार सबसे अल्प वाणव्यन्तर देव ऊर्ध्वलोक में हैं, ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, अधोलोकतिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, (उनसे भी) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं । वाणव्यन्तर देवी के विषय में भी यहीं समझना ।

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