Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 07
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 212
________________ प्रज्ञापना - ३ /-/ २७७ २११ [२७७] भगवन् ! इन भाषक और अभाषक जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प भाषक जीव हैं, उनसे अनन्तगुणे अभाषक हैं । [२७८] भगवन् ! इन परीत, अपरीत और नोपरीत-नो अपरीत जीवों में ? गौतम ! सबसे थोड़े परीत जीव हैं, नोपरीत-नोअपरीत जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी अपरीत जीव अनन्तगुणे हैं । [२७९] भगवन् ! इन पर्याप्तक, अपर्याप्तक और नोपर्याप्तक-नो अपर्याप्तक जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प नोपर्याप्तक-नोअपर्याप्तक जीव हैं, अपर्याप्तक जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं । [ २८०] भगवन् ! सूक्ष्म, बादर और नोसूक्ष्म-नोबादर जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प सूक्ष्म-नोबादर जीव हैं, बादर जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी सूक्ष्म जीव असंख्यातगुणे हैं । [ २८१] भगवन् ! संज्ञी, असंज्ञी और नोसंज्ञी - नोअसंज्ञी जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प संज्ञी जीव हैं, नोसंज्ञी - नोअसंज्ञी जीव अनन्तगुणे हैं, उनसे भी असंज्ञीजीव अनन्तहैं । [ २८२ ] भगवन् ! इन भवसिद्धिक, अभवसिद्धिक और नोभवसिद्धि-नोअभवसिद्धिक जीवों में ? गौतम ! सबसे थोड़े अभवसिद्धिक जीव हैं, नोभवसिद्धिक-नोअभवसिद्धिक जीव अनन्तगुणे हैं उनसे भी भवसिद्धिक जीव अनन्तगुणे हैं । [२८३] भगवन् ! धर्मास्तिकाय यावत् अद्धा समय इन द्रव्यों में से, द्रव्य की अपेक्षा से कौन यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय और आकाशास्तिकाय, ये तीनों ही तुल्य हैं तथा द्रव्य की अपेक्षा से सबसे अल्प हैं; जीवास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुण है; पुद्गलास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुण है; इससे भी अद्धा समय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुण है । हे भगवन् ! धर्मास्तिकाय, आदि द्रव्यों में से प्रदेश की अपेक्षा से ? गौतम ! धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय, ये दोनों प्रदेशों की अपेक्षा से तुल्य हैं और सबसे थोड़े हैं, जीवास्तिकाय प्रदेशों की अपेक्षा से अनन्तगुण है, पुद्गलास्तिकाय प्रदेशों की अपेक्षा से अनन्तगुण है, अद्धा - समय प्रदेशापेक्षया अनन्तगुण है; इससे आकाशास्तिकाय प्रदेशों की दृष्टि से अनन्तगुण है । - धर्मास्तिकाय सबसे अल्प द्रव्य की अपेक्षा से एक धर्मास्तिकाय (द्रव्य) है और वही प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणा है । इसी तरह अधर्मास्तिकाय से लेकर पुद्गलास्तिकाय के विषय में भी समझ लेना । काल (अद्धा - समय) के सम्बन्ध में प्रश्न नहीं पूछा जाता, क्योंकि उसमें प्रदेशों का अभाव है । भगवन् ! धर्मास्तिकाय, आदि द्रव्यो में द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से कौन - किससे बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? गौतम ! धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, और आकाशास्तिकाय, ये तीन तुल्य हैं तथा द्रव्य की अपेक्षा से सबसे अल्प हैं, धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय ये दोनों प्रदेशों की अपेक्षा से तुल्य हैं तथा असंख्यातगुणे हैं, जीवास्तिकाय, द्रव्य की अपेक्षा अनन्तगुण है, वह प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुणा है, पुद्गलास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा से अनन्तगुणा है, पुद्गलास्तिकाय प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुण है ।

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