Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 07
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 216
________________ प्रज्ञापना- ३ /-/ २९६ २१५ एवं प्रदेश की अपेक्षा से हैं, संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, वेही प्रदेश की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं, वे ही, प्रदेश की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं । भगवन् ! इन एक समय की स्थिति वाले, संख्यात समय की स्थिति वाले और असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गलों में प्रश्न - गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा से १. सबसे अल्प एक समय की स्थिति वाले पुद्गल हैं, २. संख्यात समय की स्थितिवाले पुद्गल, संख्यातगुणे हैं, ३. असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, असंख्यातगुणे हैं । प्रदेशों की अपेक्षा से - १. सबसे कम, एक समय की स्थिति वाले पुद्गल, हैं, २. संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, संख्यातगुणे हैं, ३. असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, असंख्यातगुणे हैं । द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा से सबसे कम पुद्गल, एक समय की स्थिति वाले हैं, संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, वे ही प्रदेशों की अपेक्षा से संख्यातगुणे हैं, असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल, द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यातगुणे हैं, वे ही प्रदेशों की अपेक्षा असंख्यातगुणे हैं । भगवन् ! इन एकगुण काले, संख्यातगुणे काले, असंख्यातगुणे काले और अनन्तुण काले पुद्गलों गौतम ! परमाणुपुद्गलों के अनुसार यहाँ भी कहना । इसी प्रकार संख्यातगुणे का इत्यादि, इसी प्रकार शेष वर्ण तथा गन्ध एवं रस के तथा स्पर्श के ( अल्पबहुत्व के ) विषय में पूर्ववत् यथायोग्य समझ लेना । [२९७] हे भगवन् ! अब मैं समस्त जीवों के अल्पबहुत्व का निरूपण करने वाले महादण्डक का वर्णन करूंगा - १. सबसे कम गर्भव्युत्क्रान्तिक हैं, २. मानुषी संख्यातगुणी अधिक हैं, ३. बादर तेजस्कायिक-पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. अनुत्तरौपपातिक देव असंख्यातगुणे हैं, ५. ऊपरी ग्रैवेयकदेव संख्यातगुणे हैं, ६. मध्यमग्रैवेयकदेव संख्यातगुणे हैं, ७. निचले ग्रैवेयकदेव संख्यातगुणे हैं, ८. अच्युतकल्प- देव संख्यातगुणे हैं, ९. आरणकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, १०. प्राणतकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, ११. आनतकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, १२. सबसे नीची सप्तम पृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १३. छठी तमः प्रभा पृथ्वी के नैरयिक संख्यातगुणे हैं, १४. सहस्रारकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, १५. महाशुक्रकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, १६. पांचवीं धूमप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १७. लान्तककल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, १८. चौथी पंकप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १९. ब्रह्मलोककल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २०. तीसरी बालुकाप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, २१. माहेन्द्रकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, २२. सनत्कुमारकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २३. दूसरी शर्कराप्रभा पृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, २४. सम्मूर्च्छिम मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, २. ईशानकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २६. ईशानकल्प की देवियां संख्यातगुणी हैं, २७ सौधर्मकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, २८ सौधर्म कल्प की देवियां संख्यातगुणी हैं, २९ भवनवासी देव असंख्यातगुणे हैं, ३० भवनवासी देवियां संख्यातगुणी हैं, ३१. प्रथम रत्नप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं । उनसे ३२. खेचर-पंचेन्द्रिय-तिर्यञ्चयोनिक-पुरुष असंख्यातगुण हैं, ३३. खेचर-पंचेन्द्रिय

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