Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 06
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

Previous | Next

Page 357
________________ 344 / | श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: षष्ठो विभागः जागरे सुत्तो(तो)वउत्ते मिच्छादिट्ठी कराहलेसे य उक्कोस-संकिलिट्ठ-परिणामे ईसिमझिम-परिणामे वा, एरिसए णं गोयमा ! नेरइए उक्कोस-कालट्ठितियं णाणावरणिज्ज कम्मं बंधति 2 / केरिसए णं भंते ! तिरिक्खजोणिए उकोसकालठितीयं णाणावरणिज्ज कम्मं बंधति ?, गोयमा ! कम्मभूमए वा कम्मभूमग-पलिभागी वा सराणी पंचेंदिए सव्वाहि पंजत्तीहि पजत्तए सेसं तं चेव जहा नेरइयस्स, एवं तिरिक्खजोगिणीवि मणूसेवि मणूसीवि, देवदेवी जहा नेरइए, एवं ग्राउयवज्जाणं मत्तगह कम्माणं 3 / उक्कोसकालठितीयं णं भंते ! ग्राउयं कम्म कि नेरइयो बंधति जाव देवी बंधइ ?, गोयमा ! नो नेरइयो बंधइ, तिरिक्खजोणियो बंधति, नो तिरिक्खजोणिणी बंधति, मणुस्सेवि बंधति मणुस्सीवि बंधति, नो देवो बंधइ नो देवी बंधइ 4 / केरिसए णं भंते ! तिरिक्खजोणिते उक्कोसठितीयं श्राउयं कम्म बंधति ?, गोयमा ! कम्मभूमए वा कम्मभूमग-पलिभागी वा सगणी पंत्रिदिए सव्वाहिं पजत्तीहिं पज्जत्तए सागारे जागरे सुत्तोवउत्ते मिच्छद्दिट्ठी परमकराहलेसे उक्कोस-संकिलिट्ठ-परिणामे, एरिसए णं गोयमा ! तिरिक्खजोणिते उकोसकालट्ठितीयं ग्राउयं कम्मं बंधति 5 / केरिसए णं भंते ! मासे उकोसकालट्ठितीयं ग्राउयं कम्मं बंधति ?, गोयमा ! कम्मभूमए वा कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुत्तो(तो)वउत्ते सम्मदिट्टी वा मिच्छदिट्टी वा कराहलेसे वा सुक्कलेसे वा णाणी वा याणाणी वा उक्कोस-संकिलिट्ठ-परिणामे वा असंकिलिट्ठ-परिणामे वा तप्पाउग्ग-विसुज्झमाण-परिणामे वा एरिसए णं गोयमा ! मणूसे उक्कोसकालट्ठितीयं ग्राउयं कम्मं बंधति 6 / केरिसया णं भंते ! मणुसी उकोसकालट्ठिइयं याउयं कम्मं बंधइ ?, गोयमा ! कम्मभूमिया वा कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुत्तोवउत्ता सम्मट्ठिी सुक्कलेसा तप्पाउग्ग-विसुज्झमाणपरिणामा, एरिसिया णं गोयमा ! मणूसी. उक्कोस-कालट्ठियं बाउयं कम्म बंधति, अंतराइयं जहा णाणावरणिज्जं 7 // सूत्रं 218 // बीयो उद्दे सत्रो समत्ता // पराणवणाए भगवत्तीए तेवीसइमं पयं समत्तं / / // इति त्रयोविंशतितमे पदे द्वितोय उद्देशकः // 23-2 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408