Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 06
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

Previous | Next

Page 378
________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् / / पदं 30 ] [ 365 णया 7 / पुढविकाइयाणं भंते ! सागारपासणया कतिविहा पन्नत्ता ?, गोयमा! एगा सुयअन्नाणसागारपासणया पन्नत्ता, एवं जाव वणप्फइकाइयाणं 8 / बेइंदियाणं भंते ! कतिविहा पासणया पन्नत्ता ?, गोयमा ! एगा सागारपासणया पन्नत्ता 1 / बेइंदियाणं भंते ! सागारपासणया कइविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सुयणाणसागारपासणया य सुयधरणाणसागारपासणया य, एवं तेइंदियाणवि 10 / चरिंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पत्नना, तंजहा-सागारपासणया य अणागारपासणया य, सागारपासणया जहा बेइंदियाणं 11 / चउरिंदियाणं भंते ! अणागारपासणया कइविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! एगा चक्खुदंसण-प्रणागारपासणया पन्नत्ता, मणूसाणं जहा जीवाणं, सेसा जहा नेरइया जाव वेमाणियागां 12 / जीवा णं भंते ! किं सागारपस्सी अणागारपस्सी ?, गोयमा ! जीवा सागारपस्सीवि अणागारपस्सीवि 13 ।से केण?णं भंते ! एवं वुच्चति जीवा सागारपस्सीवि ?, अणागारपस्सावि गोयमा ! जे णं जीवा सुतणाणी श्रोहिणाणी मणपजवणाणी केवलणाणी सुश्रअण्णाणी विभंगनाणी ते णं जीवा सागारपस्सी, जे णं जीवा चक्खुदंसणी श्रोहिदंसणी केवलदसणी ते णं जीवा अणागारपस्सी, से एतेणटेणं गोयमा ! एवं बुञ्चति-जीवा सागारपस्सीवि अणागारपस्सीवि 14 / नेरइया णं भंते ! किं सागारपस्सी अणागारपस्सी ? गोयमा ! एवं चेव, नवरं सागारपासणयाए मणपजवनाणी केवलनाणी न वुचति, अणागारपासणयाए केवलदसणं नत्थि एवं जाव थणियकुमारा 15 / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! पुढविकाइया सागारपस्सी णो श्रणागारपस्सी 16 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चति-गोयमा ! पुढविकाइयाणं एगा सुयअराणाणसागारपासणया पन्नत्ता, से तेण?णं गोयमा ! एवं वुचति एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं 17 / बेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! सागारपस्सी णो अणागारपस्सी 18 / से केण?णं भंते ! एवं वुञ्चति ?, गोयमा !

Loading...

Page Navigation
1 ... 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408