Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 06
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
View full book text
________________ 362 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / षष्ठो विभागः रोवयोगे सुयअण्णाण-सागारोवनोगे विभंगणाण-सागारोवयोगे 2 / अणागारोवोगे णं भंते ! कतिविहे पन्नत्ते ?, गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते, तंजहा-चक्खुदंसण-श्रणागारोवोगे अचक्खुदंसण-प्रणागारोवोगे श्रोहिदंसण-अणागारोवोगे केवलदंसण-अणागारोवयोगे / एवं जीवाणंपि 3 / नेरइयाणं भंते ! कतिविधे उपयोगे पन्नत्ते ?, गोयमा ! दुविधे उवोगे पन्नत्ते, तंजहा-सागारोवोगे य अणागारोवोगे य 4 / नेरइयाणं भंते ! सागारोवोगे कइविहे पन्नत्ते, ?, गोयमा ! छविहे पन्नत्ते, तंजहामतिणाण-सागारोवोगे सुयणाण-सागारोवोगे अोहिणाण-सागारोवोगे मतिअण्णाण-सागारोवोगे सुयअण्णाण-सागारोवयोगे विभंगणाण-सागारोवोगे 5 / नेरझ्या णं भंते ! अणागारोवोगे कइविहे पन्नत्ते ?, गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते, तंजहा-चक्खुदंसण-श्रणागारोवोगे अचक्खुदंसणअणागारोवोगे श्रोहिदंसण-अणागारोवनोगे, एवं जाव थणियकुमाराणं 6 / पुढविकाइयाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविहे उवयोगे पन्नत्ते, तंजहा-सागारोवोगे य अणागारोवोगे य 7 / पुढविकाइयाणं भंते ! सागारोवोगे कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तंजहा–मतिअण्णाण-सागारोवोगे य सुयश्रराणाण-सागारोवोगे य 8 / पुढविकाइयाणं भंते ! अणागारोवोगे कतिविधे पन्नत्ते ?, गोयमा ! एगे अचक्खुदंसण-प्रणागारोवयोगे पन्नत्ते, एवं जाव वणप्फइकाइयाणं 1 / बेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा ! दुविधे उवयोगे पन्नत्ते, तंजहा-सागारोवोगे अणागारोवोगे य 10 / बेइंदियाणं भंते ! सागारोवोगे कतिविधे पनत्ते ?, गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते, तंजहा-याभिणिवोहियनाण-सागारोवोगे सुयनाण-सागारोवनोगे मतिराणाण-सागारोवोगे सुतराणाण-सागारोवोगे 11 / बेइंदियाणं भंते ! अणागारोवयोगे कइविहे पन्नत्ते ?, गोयमा ! एगे अचक्खुदंसण-प्रणागारोवयोगे, एवं तेइंदियाणवि, चउरिदियाणवि एवं चेव, नवरं अणागारोवोगे दुविधे
Page Navigation
1 ... 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408