________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वा लोहितक्खवमणीइ वा किमिरागकंबलेइ वा गयतालुएइ वा चीणपिट्ठरासीइ वा पारिजायकुसुमेइ वा जासुमणकुसुमेइ वा किंसुयपुष्करासीइ वा रत्तुष्पलेइ वा रत्तासोगेइ वा रत्तकणवीरेइ वा रत्तबंधुयजीवेइ वा भवे एयारूवे?, गो० ! णो इणट्टे समट्टे, तेउलेसा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव वन्त्रेणं पं०, पम्हले० भंते! केरिसिया वत्रेणं पं० ? गो० ! से जहानामए चंपेइ वा चंपयच्छल्लीइ वा चंपयभेदेइ वा हालिद्दाइ वा हालिद्दगुलियाई वा हालिद्दभेदेड़ वा हरियालेइ वा हरियालगुलियाई वा | हरियालभेदेइ वा चिउरेइ वा चिउररागेइ वा सुवनसिप्पीइ वा वरकणगणिहसेइ वा वरपुरिसवसणेइ वा अल्लइकुसुमेइ वा चंपयकुसुमेइ वा कण्णियारकुसुमेइ वा कुहंडयकुसुमेइ वा सुवण्णजूहियाइ वा सुहिरन्नियाकुसुमेइ वा कोरिंटसल्लदा मेड़ वा पीतासोगेइ वा पीतकणवीरेइ वा पीतबंधुजीवएड वा, भवे एयारुवे?, गो० ! णो इणट्टे समट्टे, पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया जाव मणामयरिया चेव वन्त्रेणं पं०, सुक्कलेस्सा णं भंते! केरिसिया वन्त्रेणं पं०?, गो० ! से जहानामए अंकेइ वा संखेड़ वा चंदेड़ वा कुंदेइ वा दगे वा दगरएइ वा दधीइ वा दहिघंणेइ वा खीरेइ वा खीरपूरएइ वा सुक्कच्छिवाडियाई वा पेहुणमिंजियाइ वा धंतधोयरुप्पपट्टेइ वा सारदबलाहएइ वा कुमुददलेइ वा पोंडरीयदलेइ वा सालिपिट्ठरासीति वा कुडगपुष्करासीति वा सिंदुवार मल्लदामेइ वा सेयासोएड | वा सेयकणवीरेइ वा सेतबंधुजीवएड वा, भवे एयारूवे ०?, गो० ! नो इणट्टे समट्ठे, सुक्कलेसा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव जाव मणुण्ण | (णाम) यरिया चेव वन्नेणं पं०, एयाओ णं भंते! छल्लेसाओ कइसु वन्त्रेसु साहिजंति ?, गो० ! पंचसु वन्नेसु साहिजंति तं०॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
२३३
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal Use Only