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पंचसांवत्सरिक युग की पूर्णिमाएं और अमावस्याएं - ६२॥१ पंचसांवत्सरिक युग के नक्षत्रमासों का परिमाण – ६७|१ सूर्य की सर्व बाह्यमंडल से आवृत्ति का काल – ७१ । १ प्रत्येक मुहूर्त का लव परिमाण ७७१४
रात्रि और दिवसक्षेत्र की वृद्धि हानि - ८८७, ८ ६८५,६ दिन के प्रथम मुहूर्त का छाया-परिमाण -६६/६
५. कुलकर
कुलकर अभिचन्द्र की ऊंचाई - प्र० ३५ कुलकर विमलवाहन की ऊंचाई - प्र० ५१
अतीत अवसर्पिणी के कुलकरों के नाम -- प्र०२१६ अतीत उत्सर्पिणी के कुलकरों के नाम - प्र० २१७ वर्तमान अवसर्पिणी के कुलकरों के नाम - प्र० २१८ कुलकरों की भार्याओं के नाम - प्र० २१६
आगामी उत्सर्पिणी के कुलकरों के नाम-प्र० २४६ आगामी अवसर्पिणी के कुलकरों के नाम प्र० २५० ६. क्रियावाद
क्रिया - ११८
क्रिया के पांच प्रकार - ५१
क्रिया के तेरह स्थान - १३ १
जम्बूद्व
जम्बूद्वीप का आयाम - विष्कंभ - १।२२; प्र० ७६ सुदर्शन जम्बू की ऊंचाई -- ८४
जम्बूद्वीप की जगती की ऊंचाई- ८६
जम्बूद्वीप में प्रविष्ट मत्स्यों का परिमाण - 815 विजयद्वार के भीम - ६६
विजया राजधानी का आयाम - विष्कंभ - १२४ जम्बूद्वीप की वेदिका का मूल भाग - १२।७ जम्बूद्वीप के गणित में प्रयुक्त कला का परिमाण - १६४ • जम्बूद्वीप के प्रत्येक द्वार का व्यवधानात्मक अन्तर-- ७६/४ जम्बूद्वीप के चरमान्त से महापाताल कलशों की अवस्थिति६५/२
जम्बूद्वीप की वेदिका से धातकीपण्ड का चक्रवाल - प्र० ८२
भरत - ऐरवत
जीवा की लंबाई- १४६
महाविदेह
७. क्षेत्र
विष्कंभ - ३३१३
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[२१]
- यवत
जीवा की लम्बाई - ३७/२
जीवा के धनुःपृष्ठ का परिक्षेप - ३८ २ बाहु की लम्बाई - ६७१२
देवकुरु- उत्तरकुरु
जीवा की लम्बाई - ५३ ॥१
हरिवर्ष - रम्यक् वर्ष
जीवा की लम्बाई - ७३१
जीवा के धनुःपृष्ठ का परिक्षेप - ८४ / ६ विस्तार - प्र० ७३
धातकीषण्ड
दोनों मेरु पर्वतों का पूर्ण परिमाण - ८५१२ धातकीपण्ड का चक्रवाल- विष्कंभ - प्र० ७६
समयक्षेत्र
कुल पर्वतों की संख्या - ३६२
आयाम - विष्कंभ - ४५।१
वर्ष और वर्षधर पर्वतों की संख्या - ६६ । १
दक्षिण भरत
धनुः पृष्ठ की लंबाई - ९८४
दक्षिणार्द्ध की जीवा - प्र० ७४
प्रकीर्ण
क्षेत्रों की संख्या-- ७५
योजन का परिमाण – ४१६
दंड, धनुष्य, नालिका, युग, अक्ष और मुशल का परिमाण ६६।३-८
saya
अग्निभूति
८ क्षेत्रीय नाप
श्रामण्य पर्याय -काल- ३०१२
संपूर्ण आयुष्य काल -- ८३ | ३
मौर्यपुत्र
६ गणधर
गृहवास - काल – ४७।२
संपूर्ण आयुष्य काल – ७४ ॥ १
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अगारवास - काल – ६५।२ संपूर्ण आयुष्य काल – ६५१५
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