Book Title: Adhar Abhishek ka Suvarna Avasar
Author(s): Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti
Publisher: Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti

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Page 16
________________ कुष्ठाद्यष्टक-वर्ग-स्नपनं वर्गयतु बिम्ब-माहात्म्यम् । सात्म्यं च जैनधर्मे, महोत्सवा-यात-लोकस्य ।।४।। ॐ हाँ हाँ हूँ हैं ही हूँ: परमार्हते परमेश्वराय गन्धपुष्पादि संमिश्र-कुष्ठाद्यष्टकवर्ग-चूर्णसंयुतेन जलेन स्नपयामि स्वाहा । उपर दीये गये श्लोक बोलकर, थाली बजाकर, गीत-वाजिंत्र के नादपूर्वक कलशो से बीब के उपर अभिषेक कीजिये, अंग लूछणा कीजिये। नीचे लिखा हुआ मंत्र बोलकर अक डंका बजाकर पूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते पृथिवि पृथु पृथु गन्धं गृहाण गृहाण स्वाहा | नीचे लिखा हुआ मंत्र बोलकर अक डंका बजाकर पुष्पपूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते महाभूते मेदिनि । पुरु पुरु पुष्पवति पुष्पं गृहाण गृहाण स्वाहा । नीचे लिखा हुआ मंत्र बोलकर अक डंका बजाकर धूपपूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते दह दह महाभूते । तेजोऽधिपते धूपं धूपं गृहाण गृहाण स्वाहा । बाद में नीचे दीया गया श्लोक बोलकर दीपपूजा, अक्षतपूजा, नैवेद्यपूजा और फलपूजा कीजिये । ॐ ही श्री परमपुरुषाय परमेश्वराय जन्म-जरा-मृत्युनिवारणाय श्रीमते जिनेन्द्राय दीपं-अक्षतं-नैवेद्यं-फलं यजामहे स्वाहा । यहाँ सातवां अभिषेक पूर्ण हुआ । 11८|| अष्टमं पतञ्जर्यादि-द्वितीयाष्टकवर्ग-स्नात्रम् । नमोऽर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधूभ्यः नाना-सुगन्धि-पुष्पौघ-रञ्जिता, चञ्चरीक-कृतनादा | धूपामोद-विमिश्रा, पततात्, पुष्पाञ्जलिर्बिम्बे ||१|| ॐ हाँ हाँ हूँ हूँ हाँ हूँ: परमार्हते परमेश्वराय पुष्पाञ्जलिभिरर्चयामि स्वाहा। अक डंका बजाकर परमात्मा के उपर कुसुमांजलि चढाईये । आठवे द्वितीय अष्टकवर्ग में आती हुई आठ वस्तुओ के नाम नीचे दीये गये है । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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