Book Title: Adhar Abhishek ka Suvarna Avasar
Author(s): Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti
Publisher: Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti

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Page 24
________________ उपर दीये गये श्लोक बोलकर, थाली बजाकर, गीत-वाजिंत्रके नाद पूर्वक कलशो से बिंब के उपर अभिषेक कीजिये, अंग लूणा कीजिये । नीचे दिया गया मंत्र बोलकर ओक डंका बजाकर पूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते पृथिवि पृथु पृथु गन्धं गृहाण गृहाण स्वाहा । नीचे दिया गया मंत्र बोलकर ओक डंका बजाकर पुष्पपूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते महाभूते मेदिनि । पुरु पुरु पुष्पवति पुष्पं गृहाण गृहाण स्वाहा । नीचे दिया गया मंत्र बोलकर ओक डंका बजाकर धूपपूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते दह दह महाभूते । तेजोऽधिपते धूपं धूपं गृहाण गृहाण स्वाहा । नीचे दिया गया मंत्र बोलकर ओक डंका बजाकर पूजा कीजिये । . ॐ ह्रीं श्रीं परमपुरुषाय परमेश्वराय जन्म-जरामृत्युनिवारणाय श्रीमते जिनेन्द्राय दीपं अक्षतं नैवेद्यं फलं यजामहे स्वाहा । यहाँ ग्यारहवा अभिषेक पूर्ण हुआ । ||१२|| द्वादशं गंध-स्नात्रम् ।। नमोऽर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधूभ्यः नाना-सुगन्धि-पुष्पौघ- रञ्जिता, चञ्चरीक - कृतनादा । धूपामोद-विमिश्रा, पततात् पुष्पाञ्जलिर्बिम्बे ||१ || ॐ ह्रीँ ह्रीँ हूँ हैं हूँ: परमार्हते परमेश्वराय पुष्पाञ्जलिभिरर्चयामि स्वाहा । अक डंका बजाकर परमात्मा के उपर कुसुमांजलि चढाईये । बाराहवे अभिषेक में यक्षकर्दम- सुगन्धित चूर्ण में - १. केसर २. सुखड ३. अगर ४. बरास ५. कस्तूरी ६. गोरोचंदन ७. रतांजलि ८. काचो ९. हिंगळोक १०. मरच - कंकोल और ११. सोनेका वरख इतनी वस्तुए आती है । अथवा शिलाजित, उपलोट (कट), सुखड, वास, कपुर यह पांच चीजे लिजिये । Jain Education International २१ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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