Book Title: Adhar Abhishek ka Suvarna Avasar
Author(s): Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti
Publisher: Akhil Bharatiya Tirthprabhavak Adhar Abhishek Anushthan Samiti
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||१६|| षोडशं तीर्थोदक-स्नात्रम् || नमोऽर्हत् सिद्धाचार्योपाध्याय सर्वसाधूभ्यः नाना-सुगन्धि-पुष्पौघ-रजिता, चञ्चरीक-कृतनादा ।
धूपामोद-विमिश्रा, पततात् पुष्पाञ्जलिर्बिम्बे ।।१।। ॐ हाँ ही हूँ हूँ हाँ हूँ: परमार्हते परमेश्वराय
___पुष्पाञ्जलिभिरर्चयामि स्वाहा ।
अक डंका बजाकर परमात्मा के उपर कुसुमांजलि चढाईये । सोलहवे अभिषेक में अलग अलग अनेक तीर्थो का जल मिश्रित जल दिया जाता है ।
तीर्थजल मिश्रित जल के कलशे लेकर खडे रहीये । नमोऽर्हत् ...बोलकर नीचे दिया गया श्लोक बोलीये । जलधि-नदी-द्रह-कुण्डेषु यानि तीर्थोदकानि शुद्धानि |
तै-मन्त्रसंस्कृतै-रिह, बिम्बं स्नपयामि सिद्धयर्थम् ।।१।। नाकिनदी-नद-विदितैः, पयोभि-रम्भोजरेणुभिः सुभगैः ।
श्रीमज्जिनेन्द्र-मत्र, समर्चयेत् सर्व-शान्त्यर्थम् ।।२।। तीर्थांम्भोभि-बिम्बं, मङ्गल्यैः स्नप्यते प्रतिष्ठायाम् ।
कुरुते यथा नराणां, सन्ततमपि मङ्गल-शतानि ।।३।। अभिमन्त्रितैः पवित्रै-स्तीर्थजलैः स्नाप्यते नवं बिम्बम् ।।
दुरित-रहितं पवित्रं, यथा विधत्ते सकलसङ्घम् ।।४।। ॐ हाँ हाँ हूँहूँ हाँ हूँ: परमार्हते परमेश्वराय गन्धपुष्पादि__.. संमिश्र-तीर्थोदकेन स्नपयामि स्वाहा | . . उपर दिया गया श्लोक बोलकर थाली बजाकर, गीत-वाजिंत्र के नादपूर्वक कलशो से बिंब के उपर अभिषेक कीजिये, अंग लूछणा कीजिये।
नीचे लीखा हुआ मंत्र बोलकर अक डंका बजाकर पूजा कीजिये । ॐ नमो यः सर्वशरीरावस्थिते पृथिवि पृथु पृथु गन्धं गृहाण गृहाण स्वाहा ।
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